अनपढ़ आदिवासी बुजुर्ग की जमीन पर भूमाफिया का कब्जा: फर्जी रजिस्ट्री व बटवारे का सनसनीखेज खुलासा, एसपी से न्याय की गुहार
सूरजपुर। जिले के विश्रामपुर के पास केशवनगर ग्राम पंचायत में राजस्व तंत्र की कथित मिलीभगत से एक आदिवासी महिला की पुश्तैनी जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। फर्जी बटवारा, कूटरचित नाम जोड़ना और छलपूर्ण रजिस्ट्री के जरिए भूमि पर कब्जा जमाने का आरोप लगाते हुए पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को विस्तृत शिकायत सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। हल्का पटवारी सदानंद यादव, कृषि विस्तार अधिकारी नागेश सिंह आर्मो और सहखातेदार सूरज सिंह पर धोखाधड़ी, कूटरचना व भूमि हड़पने की साजिश रचने का गंभीर आरोप है।परिवार के सदस्यों के अनुसार, स्वर्गीय रज्जू व मनमेत के नाम दर्ज 4.430 हेक्टेयर भूमि का नामांतरण 2018-19 में पति के निधन के बाद तीन पुत्रों (चंदन, सूरज, परमेश्वर) व तीन पुत्रियों (मुन्नी, बासो, फूलबासो) के नाम कराया गया था। 2018-19 से 2023-24 तक फूलकुंवर का नाम राजस्व रिकॉर्ड में कहीं दर्ज नहीं था। फिर भी पटवारी ने कूटरचना कर 'फूलकुंवर उर्फ फूलबासो' लिखकर नाम जोड़ दिया, जिसे फर्जी बटवारे का आधार बनाया गया।
किसान सम्मान निधि का लालच: रजिस्ट्री करा पैसे लौटाए, लेकिन जमीन गई
सबसे चौंकाने वाला आरोप कृषि विस्तार अधिकारी नागेश सिंह आर्मो पर है। फूलबासो ने बताया कि नागेश ने 'किसान सम्मान निधि' के रुपये दिलाने का लालच देकर उसकी मां फूलकुंवर का आधार कार्ड, पासबुक व फोटो लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय ले गए और बिना बताए 26 जून 2025 को रजिस्ट्री करा दी। दस्तावेजों में 3 लाख चेक (नागेश की पत्नी अनिता के नाम) व 4 लाख नकद भुगतान का उल्लेख है, लेकिन फूलकुंवर को एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।
बैंक स्टेटमेंट ने खोला राज:
पेंशन निकालने गईं फूलकुंवर व नाती जगमोहन को खाते में 3 लाख जमा मिले, जो चेक से आए थे। जांच में पता चला कि जमीन रजिस्ट्री हो चुकी है व खरीदार का नाम खसरा बी-1 में चढ़ गया। परिवार की सहमति के बिना यह संभव न था। मामला खुलने पर नागेश ने 16 अक्टूबर 2025 को पत्नी के खाते से 2 लाख और फूलकुंवर के खाते में जमा कराए, ताकि विवाद शांत हो जाए। पीड़ित पक्ष का कहना है कि सूरज सिंह ने पहले भी गुप्त रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया था, जो राजस्व विभाग व नागेश की सांठगांठ से संभव हुआ।
न्याय की मांग: फर्जी रजिस्ट्री रद्द, दोषियों पर एफआईआर
फूलबासो ने एसपी को सौंपे आवेदन में मांग की है कि फर्जी रजिस्ट्री तत्काल निरस्त हो, पटवारी, ग्राम सेवक, सहखातेदार व नागेश सिंह पर कूटरचना, धोखाधड़ी, राजस्व रिकॉर्ड छेड़छाड़ व आदिवासी महिला से ठगी के तहत एफआईआर दर्ज हो। साथ ही भूमाफिया गतिविधियों की जांच कर परिवार की जमीन वापस दिलाई जाए।
आदिवासी समाज में उबाल: 'संगठित नेटवर्क सक्रिय, त्वरित जांच जरूरी'
घटना से केशवनगर व आसपास के ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि अनपढ़ महिलाओं को निशाना बनाकर जमीन हड़पने का संगठित गिरोह सक्रिय है, जिसमें राजस्व व स्थानीय अधिकारीों की मिलीभगत साफ झलक रही है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी व सख्त कार्रवाई की मांग की है।