कमलपुर गौचर भूमि घोटाला: पटवारी निलंबित, सरकारी जमीन बिक्री में गड़बड़ी का खुलासा
राजेश भट्ट
सूरजपुर/बिश्रामपुर । जिले के ग्राम पंचायत कमलपुर में सरकारी गौचर भूमि की अवैध बिक्री का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घोटाले में पटवारी पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसने नियमों को ताक पर रखकर पशुओं के लिए सुरक्षित चारागाह की जमीन बेच दी और दस्तावेजों में हेराफेरी कर सौदे को वैध दिखाने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सूरजपुर ने तत्काल प्रभाव से हल्का पटवारी अलिशा खान को निलंबित कर दिया है। दरअसल कमलपुर निवासी शुभम अग्रवाल की शिकायत पर प्रशासन हरकत में आया। शुभम ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया था कि गांव की गौचर भूमि, जो पशुओं के चरने के लिए आरक्षित है, बिना कलेक्टर की अनुमति के बेच दी गई। जांच में तहसीलदार लटोरी की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए। पता चला कि पटवारी ने खसरा नंबर 87, जो गौचर भूमि है, को बिक्री नकल में शामिल ही नहीं किया। पुराने रिकॉर्ड में यह जमीन खसरा नंबर 86 और 87 में दर्ज है, लेकिन पटवारी ने जानबूझकर तथ्यों को छिपाकर के खसरा नंबर 86 का जिक्र किया। उक्ताशय पर 4 अगस्त को पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक रहा। इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शिवानी जायसवाल ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत पटवारी को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय तहसील कार्यालय लटोरी रहेगा और उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। इस प्रकरण ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। ग्रामीणों में आक्रोश है और वे इस घोटाले की गहराई तक जांच की मांग कर रहे हैं।
Rajesh