करसी में भक्ति की सरिता प्रवाहित: संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का सजीव प्रसारण, श्रद्धालु हो रहे भावविभोर
सूरजपुर। जिले के प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम करसी में इन दिनों आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति भाव का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। ग्राम में संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण का भव्य आयोजन 18 दिसंबर से प्रारंभ हुआ है, जो 25 दिसंबर तक श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ संपन्न होगा।विशेष बात यह है कि ग्राम करसी में यह श्रीमद् भागवत महापुराण का पहला आयोजन है, जिसे लेकर ग्रामीणों और श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और आनंद का वातावरण बना हुआ है।कथा के दौरान कथावाचक एवं कथा व्यास आचार्य विपिन शास्त्री जी महाराज, आचार्य दीपक, राधे एवं भोला जी के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवत कथा का भावपूर्ण और संगीतमय वाचन किया जा रहा है। कथा श्रवण कर श्रद्धालु भावविभोर हो रहे हैं और पूरा पंडाल भक्तिरस से सराबोर नजर आ रहा है।कथा के संगीतमय पक्ष को और भी प्रभावशाली बना रहे हैं संगीत साधक मनमोहन, हिमांशु एवं आकाश, जिनकी मधुर भजन-कीर्तन प्रस्तुतियों से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय बना हुआ है। भक्ति संगीत के साथ कथा श्रवण कर श्रद्धालु धर्मलाभ प्राप्त कर रहे हैं।आयोजन की एक विशेष उपलब्धि यह भी है कि कथा का यूट्यूब के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जा रहा है, जिससे देश-प्रदेश में बैठे श्रद्धालु भी घर बैठे कथा का आनंद ले पा रहे हैं। प्रतिदिन कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज की जा रही है।इस पुण्य आयोजन के मुख्य यजमान श्रीमती प्रभा जायसवाल, श्री गोपाल प्रसाद जायसवाल एवं श्रीमती दुर्गा जायसवाल हैं। साथ ही श्री जीवनधन, श्रीमती सरस्वती जायसवाल, श्रीमती गीता जायसवाल, जितेंद्र जायसवाल, मीना जायसवाल, विश्वास जायसवाल, निशा जायसवाल, अजीत, अंजना, तृप्ति, प्रशांत, कपिल, प्रियंका, प्रिंस, अंजलि, रोशनी, मुस्कान, प्रिया, प्राची, एलीना, सुरेश जायसवाल, राजू जायसवाल, शुभम, अभिषेक, प्रख्यात, दिव्य, शौर्य, सिद्धार्थ, प्रिंस सहित समस्त जायसवाल परिवार एवं श्रद्धालुओं का सराहनीय सहयोग मिल रहा है।इस महापुराण की मुख्य आयोजक सुश्री राजकुमारी जायसवाल हैं, जो वर्तमान में डीएवी पब्लिक स्कूल एसईसीएल बिश्रामपुर में हिंदी शिक्षिका के रूप में पदस्थ हैं।ग्रामीणों एवं श्रद्धालुओं का कहना है कि इस प्रकार के धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों से समाज में संस्कार, सद्भाव और आध्यात्मिक चेतना को नई दिशा मिलती है, वहीं ग्राम करसी में पहली बार आयोजित यह श्रीमद् भागवत महापुराण लंबे समय तक स्मरणीय रहेगा।