क्रेन से गणेश विसर्जन: सूरजपुर में सम्मानजनक परंपरा की अनोखी शुरुआत

क्रेन से गणेश विसर्जन: सूरजपुर में सम्मानजनक परंपरा की अनोखी शुरुआत
क्रेन से गणेश विसर्जन: सूरजपुर में सम्मानजनक परंपरा की अनोखी शुरुआत

सूरजपुर। गणेश विसर्जन के मौके पर सूरजपुर जिले में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। यहां ग्राम पर्री के देवालय प्रांगण में विराजमान गणपति महाराज की प्रतिमा को क्रेन की मदद से पूरे सम्मान के साथ छठ घाट पर विसर्जित किया गया। यह नवाचार न सिर्फ सुरक्षित था, बल्कि पुल से मूर्ति गिराने की पुरानी प्रथा को चुनौती देते हुए एक नई दिशा दे रहा है। आसपास के लोगों की निगाहें क्रेन पर टिकी रहीं, और पूरे शहर में इस अनोखी प्रथा की चर्चा छा गई। आपकों बताते चलें कि ग्राम पंचायत पर्री के सार्वजनिक श्री गणेश पूजा समिति ने अपने निजी खर्चे पर क्रेन की व्यवस्था की। समिति के सदस्यों ने उत्साह के साथ इस कार्य को अंजाम दिया। समिति अध्यक्ष ने बताया, "हमने 10 दिनों तक पूरे भक्ति भाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना की। विसर्जन भी पूरे सम्मान के साथ होना चाहिए। पूरी समिति की चर्चा के बाद क्रेन से मूर्ति को बिना किसी खंडन के जल में प्रवाहित किया गया। यह एक नई प्रथा की शुरुआत है, जो आने वाले समय में प्रशासन द्वारा भी अपनाई जा सकती है।ग्राम पंचायत पर्री के सरपंच संत कुमार सिंह ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, "हमारे गांव में 10 दिनों तक भक्ति का माहौल रहा। लोगों ने जन्मोत्सव से लेकर पूजा-अर्चना तक पूरी श्रद्धा दिखाई। समिति ने मुझे बताया कि विसर्जन सम्मानजनक और सुरक्षित तरीके से होना चाहिए। मैंने सहमति दी और क्रेन से बहते पानी में मूर्ति प्रवाहित की गई। इस शुभ कार्य के लिए समिति को धन्यवाद। यह नई परंपरा का शानदार आगाज है।"बहरहाल यह गतिविधि सूरजपुर में पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धार्मिक परंपराओं को आधुनिक बनाने की मिसाल बनी। समिति की इस कोशिश से अन्य इलाकों में भी ऐसी पहल की उम्मीद जगी है।