पुराना जमीन विवाद तब्दील हुआ प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण में,मांगी करीब 5 करोड़ की फिरौती सरगुजा पुलिस की सजगता से दो आरोपी गिरफ्तार

पुराना जमीन विवाद तब्दील हुआ प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण में,मांगी करीब 5 करोड़ की फिरौती सरगुजा पुलिस की सजगता से दो आरोपी गिरफ्तार
पुराना जमीन विवाद तब्दील हुआ प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण में,मांगी करीब 5 करोड़ की फिरौती सरगुजा पुलिस की सजगता से दो आरोपी गिरफ्तार

अम्बिकापुर। जमीन के लेनदेन को लेकर हुए एक सनसनीखेज अपहरण ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। सूरजपुर जिले के निवासी प्रॉपर्टी डीलर शंकर दयाल रवि को जमीन दिखाने के बहाने अगवा कर लिया गया और उससे करीब 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई। अपहरणकर्ताओं ने शंकर को 24 घंटे से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा, मारपीट की और सादे स्टांप पेपर पर जबरन हस्ताक्षर करवाए। मामले में गांधीनगर पुलिस की त्वरित कार्रवाई से शंकर को सांडबार मंदिर के पास से सकुशल बरामद कर लिया गया। इस दौरान दो मुख्य आरोपियों, मोतीराम यादव और बहादुर जायसवाल, को गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड और जबरन हस्ताक्षरित स्टांप पेपर बरामद किया है।

जमीन दिखाने के बहाने रची खौफनाक साजिश  

मामले का खुलासा तब हुआ, जब शंकर दयाल रवि की पत्नी हेमा मालिनी ने 26 जून 2025 को गांधीनगर थाने में उनके गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज की। शंकर 25 जून को दोपहर 11:30 बजे अपनी सफेद टाटा नेक्सॉन कार (क्रमांक CG/15/DV/7100) से काम के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। उनका मोबाइल कभी बंद तो कभी चालू दिख रहा था। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान गवाहों के बयान और तकनीकी सहायता से पता चला कि शंकर को फिरौती के लिए अगवा किया गया है। 

पुलिस को सूचना मिली कि शंकर को सांडबार मंदिर के पास लाया गया है। गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल के नेतृत्व में पुलिस ने तत्काल घेराबंदी की और शंकर को सकुशल बरामद कर लिया। इस दौरान एक आरोपी, मोतीराम यादव निवासी रामपुर, थाना मणिपुर को मौके पर पकड़ा गया, जबकि अन्य आरोपी फरार हो गए। पूछताछ में मोतीराम ने खुलासा किया कि शंकर को जमीन बिक्री के बहाने बुलाकर अपहरण किया गया। उसे पिस्तौल दिखाकर डराया गया, हाथ और चेहरा बांधकर उसकी ही कार में जशपुर की ओर ले जाया गया। वहां बहादुर जायसवाल निवासी सत्तीपारा, अम्बिकापुर और अन्य साथियों ने शंकर को एक कमरे में बंद कर मारपीट की और पुराने जमीन विवाद को लेकर 5 करोड़ रुपये की मांग की। 

जबरन हस्ताक्षर और फिरौती की मांग 

आरोपियों ने शंकर को उसके मोबाइल से परिजनों से बात कराकर फिरौती की मांग की और सादे स्टांप पेपर पर जबरन हस्ताक्षर करवाए। सांडबार मंदिर के पास पहुंचने पर आरोपियों ने शंकर की अंगूठी, चेन और ब्रेसलेट भी छीन लिए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पहले कि फिरौती की रकम वसूली जा सके, शंकर को बचा लिया गया। जांच में पाया गया कि इस साजिश के पीछे बहादुर जायसवाल की मुख्य भूमिका थी, जो एक पुराने जमीन सौदे को लेकर शंकर से 5 करोड़ रुपये की उगाही करना चाहता था। पुलिस ने बहादुर जायसवाल को भी हिरासत में लिया, जिसने अपना अपराध स्वीकार किया। 

सरगुजा पुलिस की सक्रियता, बरामद किए सबूत  

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा, आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल के निर्देशन में गांधीनगर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए न केवल शंकर को सकुशल बरामद किया, बल्कि दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल फोन, सिम कार्ड और जबरन हस्ताक्षरित सादा स्टांप पेपर बरामद किया गया। प्रकरण में धारा 140(2), 140(3) और 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है। फरार अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं। 

पुराना विवाद बना अपहरण की वजह 

मामले की जांच में सामने आया कि यह अपहरण पुराने जमीन विवाद की रंजिश का नतीजा था। शंकर ने बताया कि बहादुर जायसवाल एक पुराने सौदे को लेकर उनसे 5 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था। इसी रंजिश में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस सनसनीखेज साजिश को अंजाम दिया। पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मामले की तह तक जाया जाएगा। 

शहर में दहशत, पुलिस की सख्ती 

इस घटना की जानकारी सार्वजनिक होने पर अम्बिकापुर सहित आसपास के क्षेत्रों में प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े कारोबारियों में दहशत फैला दी है। बहरहाल सरगुजा पुलिस की सजगता व सक्रियता से मामले की गुत्थी सुलझी वहीं दूसरी तरफ दों आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस की मौजूदगी का संदेश देने में पुलिस टीम कामयाब रही। बहरहाल इस कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल, प्रधान आरक्षक संतोष कश्यप, आरक्षक दीनदयाल सिंह, विकास सिंह, अरविंद उपाध्याय, घनश्याम देवांगन और ऋषभ सिंह की टीम ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।