बिजली विभाग की लापरवाही: टूटे तार से स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल, रायपुर रेफर

बिजली विभाग की लापरवाही: टूटे तार से स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल, रायपुर रेफर
बिजली विभाग की लापरवाही: टूटे तार से स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल, रायपुर रेफर

अम्बिकापुर। विद्युत विभाग की घोर लापरवाही ने एक बार फिर शहर में हड़कंप मचा दिया है। खुले में टूटे पड़े बिजली तार के कारण एक स्कूटी सवार गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दर्दनाक हादसा 2 जुलाई की सुबह 4 से 5 बजे के बीच सदर रोड स्थित जयपुरी कुर्ती दुकान के सामने हुआ। घायल सुरेश सोनी को पहले अंबिकापुर के शासकीय अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन हालत नाजुक होने पर उन्हें रायपुर के डीकेएस अस्पताल रेफर किया गया है। मामले में कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार वार्ड नंबर 22, बौरीपारा निवासी अभिषेक सोनी ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके बड़े पापा सुरेश सोनी सुबह स्कूटी (CG-15-DX-6306) से खरसिया नाका की ओर जा रहे थे। जयपुरी कुर्ती दुकान के सामने टूटे और खुले बिजली तार में उनकी स्कूटी उलझ गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद सुरेश करीब एक घंटे तक बेहोशी की हालत में सड़क पर पड़े रहे। पुलिस की मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके सिर की नस फटने की पुष्टि की।

परिजनों का आरोप, सीसीटीवी फुटेज बना सबूत परिजनों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि टूटे तारों को समय पर ठीक न करना इस हादसे का कारण बना। अभिषेक ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी सौंपा, जो घटना की पुष्टि करता है।

कानूनी कार्रवाई: 

अपुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 289 (खतरनाक कार्य में लापरवाही) और 125(ए) (लोक सेवक के कर्तव्य में लापरवाही) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच जारी है, लेकिन विद्युत विभाग की ओर से अब तक कोई जवाबदेही नहीं दिखाई गई है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

 इस घटना ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक विद्युत विभाग की लापरवाही से लोगों की जान खतरे में पड़ेगी? नागरिकों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।

प्रशासन की खामोशी 

हादसे के बाद विद्युत विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क रहा है। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।