मोबाइल की लत ने फिर लील ली मासूम की जिंदगी: 10वीं की छात्रा ने जहरीली दवा खाकर दी जान, परिवार में मातम
अम्बिकापुर । मोबाइल की लत एक बार फिर एक मासूम जिंदगी को लील गई। जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम अंधला में 10वीं की छात्रा राधिका यादव ने मोबाइल न मिलने की नाराजगी में जहरीली दवा खाकर आत्महत्या कर ली। इस दिल दहलाने वाली घटना ने न केवल राधिका के परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया, बल्कि समाज में मोबाइल की बढ़ती लत और इसके खतरनाक परिणामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आपकों बताते चलें कि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब मोबाइल की लत ने किसी किशोर की जिंदगी छीन ली हो। हाल के वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां मोबाइल न मिलने या उससे जुड़े विवाद ने किशोरों को आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर किया। यह घटना समाज, अभिभावकों और नीति निर्माताओं के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों में बढ़ती डिजिटल लत को नियंत्रित करने और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।
विवाद बना मौत की वजह
परिजनों के अनुसार, राधिका का अपनी बड़ी बहन से मोबाइल को लेकर तीखी नोकझोंक हुई थी। राधिका बार-बार मोबाइल की मांग कर रही थी, लेकिन सोनिया ने उसे मोबाइल देने से साफ इनकार कर दिया और फोन को छिपा दिया। मोबाइल न मिलने से गुस्से और हताशा में डूबी राधिका ने आवेश में आकर जहरीली दवा का सेवन कर लिया।
अस्पताल में जिंदगी की जंग हारी
घटना के समय राधिका के पिता काम पर गए हुए थे। जब वे घर लौटे तो बेटी को तड़पता देख उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में वे राधिका को लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने राधिका की जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन गंभीर हालत के चलते वह जिंदगी की जंग हार गई।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और परिवार वालों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि मोबाइल को लेकर हुए विवाद ने ही राधिका को इस आत्मघाती कदम की ओर धकेला।
परिवार में छाया मातम, समाज के लिए सबक
राधिका की असमय मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। माता-पिता और बहन सदमे में हैं, और गांव में शोक की लहर है। यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सबक है। मोबाइल और सोशल मीडिया की बढ़ती लत किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को बच्चों के मोबाइल उपयोग पर नजर रखने और उनकी भावनात्मक जरूरतों को समझने की जरूरत है।
नोट - समाचार प्रारंभिक रूप से सामने आई जानकारी अनुसार प्रसारित किया गया है