लूटी बांध हादसे ने बरपाया कहर, 4 की मौत, 3 लापता; CM ने जताया शोक, मंत्री ने बांटी 2.57 लाख की सहायता

लूटी बांध हादसे ने बरपाया कहर, 4 की मौत, 3 लापता; CM ने जताया शोक, मंत्री ने बांटी 2.57 लाख की सहायता
लूटी बांध हादसे ने बरपाया कहर, 4 की मौत, 3 लापता; CM ने जताया शोक, मंत्री ने बांटी 2.57 लाख की सहायता

 मूसलाधार बारिश से टूटा 44 साल पुराना बांध, घर-खेत-पशु-पुल बहे; राहत शिविर में सहारा, आवागमन बहाल करने का काम शुरू

बलरामपुर, 03 सितंबर 2025(अपडेट)। जिले के विकासखंड बलरामपुर के ग्राम धनेशपुर में मंगलवार देर रात मूसलाधार बारिश के बाद 1981 में बना लूटी बांध टूटने से भयावह तबाही मची। बुधवार सुबह तक चार शव बरामद हो चुके हैं, तीन लोग लापता हैं। दर्जनों पशु बह गए, खेत बर्बाद हो गए, तीन घर जलमग्न हुए, और दो पुल-सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हादसे पर गहरा शोक जताया, जबकि कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सभी कार्यक्रम रद्द कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, ढांढस बंधाया और 2.57 लाख रुपये की तत्काल सहायता राशि बांटी। संभागायुक्त नरेंद्र कुमार दुग्गा, कलेक्टर राजेंद्र कटारा और पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल ने भी मौके का जायजा लिया। SDRF और NDRF टीमें राहत-बचाव में जुटी हैं, प्रभावितों को राहत शिविरों में भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं, और आवागमन बहाल करने का काम शुरू हो गया है।

 रात 10 बजे टूटी दीवार, सैलाब ने छीनी जिंदगियां

उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार मंगलवार रात 10 बजे भारी बारिश के कारण लूटी बांध का 100 मीटर हिस्सा टूट गया। कलेक्टर राजेंद्र कटारा, पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल और NDRF की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। हादसे में बतसिया (61), चिंता सिंह (30), रंजती सिंह (28) और प्रिया (6) की मौत हो गई। चार लोग घायल हैं, जिनमें रामवृक्ष सिंह (65), अनूप सिंह (19), कालीचरण टोप्पो (65) और फूलमनिया टोप्पो (61) शामिल हैं, जिनका बलरामपुर जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। कार्तिक सिंह (6), वंदना सिंह (3) और जीतन सिंह (65) लापता हैं, जिनकी तलाश NDRF और पुलिस कर रही है।

 पेड़ ने बचाई जान, सास-बहू और बच्चे बहे

रामवृक्ष सिंह की पत्नी और बहू सैलाब में बह गईं, उनकी बड़ी बहू के तीन बच्चे भी लापता हैं। रामवृक्ष 300 मीटर बहने के बाद पेड़ से टिककर बचे। कालीचरण टोप्पो के घर में 6 फीट पानी घुस गया, जहां 10 लोग सो रहे थे। परिवार ने तैरकर जान बचाई, लेकिन फूलमनिया पर दीवार गिरने से वह घायल हो गईं। कालीचरण भी पेड़ के सहारे बचे। बंटू टोप्पो की 7 महीने की बेटी को परिवार ने हाथों पर उठाकर पानी से निकाला, जिससे उसकी जान बची।

पशु-फसल-पुल पर कहर: 55 बकरियां, 9 गौवंश बहे, 26.5 एकड़ फसल तबाह

हादसे ने पशुधन, खेती और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया। 55 बकरियां, 5 गाय और 4 बैल बह गए। 25 एकड़ धान और 1.5 एकड़ टमाटर-खीरा की फसल बर्बाद हो गई। तीन घरों में जलभराव से संपत्ति को नुकसान हुआ। 2014 में बनी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दो पुल और सड़कें बह गईं। कलेक्टर के निर्देश पर अस्थायी डायवर्सन निर्माण का काम शुरू हो गया है ताकि आवागमन सुचारू हो।

 CM का शोक, मंत्री का दौरा: 2.57 लाख की सहायता, मुआवजे का वादा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हादसे पर गहरा दुख जताया और प्रभावितों को हर संभव सहायता के निर्देश दिए। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने धनेशपुर पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की, ढांढस बंधाया और तत्काल 2.57 लाख रुपये की सहायता राशि बांटी। इसमें पशुहानि के लिए गांगरेल को 64,000, कन्हाई को 37,500, खिलबानुस को 32,000 और फसल क्षति के लिए राजेश्वर सिंह को 8,500, सुखदेव को 7,520, सुरेश को 7,520, संदीप को 1 लाख रुपये दिए गए। प्रभावित परिवारों-देवंती, संदीप, फुलमतिया को भी सहायता राशि दी गई। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि मकान, फसल और पशुहानि का विस्तृत सर्वे कर शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा। संभागायुक्त नरेंद्र दुग्गा ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया, जहां 10 लोग ठहरे हैं। स्वास्थ्य टीमें जांच कर रही हैं, और महिलाओं-बच्चों की विशेष देखभाल पर जोर है।

 मरम्मत की कमी बनी आफत...? करीब 500 मीटर में दरार,100 मीटर टूटा

बांध में मंगलवार शाम से रिसाव शुरू था, रात 10-11 बजे 100 मीटर हिस्सा टूट गया। 500 मीटर में दरारें थीं। अगर ऊपरी हिस्सा टूटता तो और बड़ा नुकसान हो सकता था। मरम्मत की कमी को हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है। प्रशासन ने समय पर राहत कार्य शुरू किए, लेकिन सवाल उठ रहे हैं- क्या पहले सावधानी बरती जा सकती थी?