लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर शिवनंदनपुर में भव्य आयोजन, सफाई कर्मियों का हुआ सम्मान

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर शिवनंदनपुर में भव्य आयोजन, सफाई कर्मियों का हुआ सम्मान
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर शिवनंदनपुर में भव्य आयोजन, सफाई कर्मियों का हुआ सम्मान

विश्रामपुर, 30 मई 2025। नगर पंचायत शिवनंदनपुर में शुक्रवार को पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में माता अहिल्याबाई के जीवन और उनके कालजयी योगदान को याद किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माता अहिल्याबाई के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया, जिसमें नगर पंचायत के गणमान्य नागरिकों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ललित गोयल ने माता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके प्रशासनिक कौशल, सामाजिक सुधारों और महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "माता अहिल्याबाई ने 18वीं सदी में अपने कुशल शासन और समाजसेवा से न केवल मालवा को समृद्ध किया, बल्कि पूरे भारत में मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं के निर्माण के माध्यम से सनातन संस्कृति को सुदृढ़ किया। उनका जीवन आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"

कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष कृष्णा गोयल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी  सुनील सिन्हा, उपाध्यक्ष श्यामू शाहू, समिति सदस्य श्रीमती प्रमिला शाहू, धर्मेंद्र गुप्ता सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, नगर पंचायत क्षेत्र की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं और सफाई कर्मचारी भी इस आयोजन का हिस्सा बने।

सफाई कर्मियों का विशेष सम्मान

कार्यक्रम की विशेषता रही नगर पंचायत के सफाई कर्मियों का सम्मान। उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। यह पहल स्वच्छता के प्रति उनके योगदान को प्रोत्साहित करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई। उपाध्यक्ष श्यामू शाहू ने इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

स्थानीय नागरिकों में उत्साह

आयोजन में उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने माता अहिल्याबाई के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और माता अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित चर्चाओं ने सभी का मन मोह लिया। यह आयोजन न केवल माता अहिल्याबाई के योगदान को याद करने का अवसर बना, बल्कि सामुदायिक एकता और सामाजिक कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण रहा।