सूरजपुर की बेटी निधि ने पहले प्रयास में नीट फतह कर रचा कीर्तिमान, गांव से मेडिकल कॉलेज तक प्रेरक सफर
सूरजपुर।छोटे से गांव की मिट्टी से निकलकर सपनों के आकाश को छूने की कहानी सूरजपुर जिले के गंगोटी (शिवपुर) की कु. निधि साहू ने लिख दी है। पहले ही प्रयास में नीट (NEET) परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर निधि ने न केवल अपने परिवार और जिले, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उनकी यह उपलब्धि मेहनत, लगन और परिवार के अटूट समर्थन की जीवंत मिसाल है। निधि ने पंडित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, रायपुर में दाखिला लेकर डॉक्टर बनने के अपने सपने की ओर मजबूत कदम बढ़ाया है।
शैक्षिक उत्कृष्टता का सुनहरा सफर
निधि का शैक्षिक सफर प्रेरणा से भरा है। उन्होंने कोरिया के डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, पंडोपारा से 10वीं कक्षा में 96% अंकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद, उच्च शिक्षा और नीट की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा स्थित गुरु नानक पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की, जहां 12वीं में 93.6% अंक हासिल किए। कोटा के अनुशासित माहौल में समय प्रबंधन और केंद्रित पढ़ाई के साथ निधि ने नीट की कठिन राह को आसान बनाया और पहले ही प्रयास में सफलता का परचम लहराया।
परिवार और शिक्षकों का अटूट सहारा
निधि अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों ,माता-पिता शिक्षक अनिल कुमार साहू और प्रमीला साहू, चाचा शिक्षक सुनील कुमार साहू और चाची प्रीति साहू, साथ ही दादा-दादी के अटूट समर्थन को देती हैं। निधि कहती हैं, "मेरे परिवार का विश्वास और शिक्षकों का मार्गदर्शन मेरी ताकत बना। स्कूल के शिक्षकों ने कठिन विषयों को सरल बनाकर मेरी राह आसान की, जबकि मेरे माता-पिता और चाचा-चाची ने हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया।" उनकी दिनचर्या में नियमित अध्ययन, समय प्रबंधन और लक्ष्य पर अटल फोकस ने इस मुकाम को संभव बनाया।
गांव में उत्साह, सूरजपुर का बढा मान
निधि की इस उपलब्धि ने सूरजपुर के भैयाथान ब्लॉक और गंगोटी (शिवपुर) गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोग उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं और इसे गांव की बेटी की जीत के रूप में देख रहे हैं। निधि की कहानी छोटे शहरों और गांवों के उन तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा बन रही है, जो सीमित संसाधनों के बीच बड़े सपने देखते हैं। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि सही दिशा में किया गया प्रयास कभी बेकार नहीं जाता।
शिक्षकों का परिवार, प्रेरणा का स्रोत
निधि का परिवार शिक्षा के क्षेत्र से गहराई से जुड़ा है। उनके पिता अनिल कुमार साहू और माता प्रमीला साहू शिक्षक हैं, जबकि चाचा सुनील कुमार साहू और चाची प्रीति साहू भी शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। इस शैक्षिक माहौल ने निधि को अनुशासन, मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पण का पाठ पढ़ाया। उनके परिवार का यह शैक्षिक योगदान न केवल निधि की सफलता में सहायक रहा, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल है।
सूरजपुर की बेटी, छत्तीसगढ़ की प्रेरणा
निधि की यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए एक प्रेरक कहानी है, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं। सूरजपुर की इस बेटी ने साबित कर दिया कि छोटे से गांव से निकलकर भी बड़े मंच पर अपनी छाप छोड़ी जा सकती है। निधि अब मेडिकल की पढ़ाई के साथ अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने की ओर बढ़ रही हैं, और उनकी यह यात्रा निश्चित रूप से अन्य छात्रों को प्रेरित करती रहेगी।
जश्न का माहौल, भविष्य की उम्मीद
निधि की इस शानदार उपलब्धि पर पूरे गंगोटी गांव में जश्न का माहौल है। स्थानीय समुदाय उनकी सफलता को अपनी बेटी की जीत मान रहा है। निधि की कहानी यह सिखाती है कि कठिन परिश्रम, अनुशासन और परिवार का साथ मिले तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। सूरजपुर की यह होनहार बेटी अब छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का प्रतीक बन चुकी है।