50 फीट रोड बनी 4 फीट सीएम तक गुहार लगाई, प्रशासन दें रहा तारीखें

50 फीट रोड बनी 4 फीट सीएम तक गुहार लगाई, प्रशासन दें रहा तारीखें

सूरजपुर।शहर के दिल में बसी भैयाथान रोड अब 'अतिक्रमण की जंजीरों' में जकड़कर सांस लेने को तड़प रही है। वार्ड नंबर 7 में 50 फीट चौड़ी होनी वाली यह सड़क महज 4-5 फीट की तंग गली बन चुकी है। अवैध कब्जों ने न सिर्फ रास्ता छीन लिया, बल्कि पुराना बाजारपारा और आसपास के इलाकों के लिए 'लाइफलाइन' को मौत के मुहाने पर ला खड़ा किया है। सुभाष कुमार गुप्ता समेत आधा दर्जन परिवार पिछले 15 महीनों से कलेक्टर के दफ्तर से लेकर एसडीएम कोर्ट और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जवाब में मिली सिर्फ 'तारीखें'! क्या राजस्व विभाग के अधिकारी अतिक्रमणकारियों के दबाव में 'आंखें मूंदे' बैठे हैं...? यह सवाल लंबे अरसे से सूरजपुर की सड़कों पर गूंज रहा है लेकिन उत्तर अबतक शायद ही सामने आया है।

रिकॉर्डों में 'जादू': करीब 1300 वर्गफीट जमीन गायब, रास्ता गुल

शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 1836/1 की जमीन 6533.40 वर्गफीट दर्ज थी, लेकिन अब इसे घटाकर महज 5221 वर्गफीट कर दिया गया। इतने में से भी अवैध निर्माण और चबूतरे खड़े हो चुके हैं। जगह-जगह बने ये 'किले' पैदल चलने वालों को भी परेशान कर रहे हैं। सुभाष गुप्ता ने दर्द भरी आवाज में बताया, "कलेक्टर साहब से लेकर सीएम तक शिकायत की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ वक्त बर्बाद हो रहा। क्या अधिकारी दबंगों के आगे घुटने टेक चुके हैं...? हम घर से निकलने में डरते हैं, क्योंकि विरोध जताने पर गालियां और धमकियां मिल रही हैं।परिवारों की जिंदगी अब 'डर के साये' में कट रही है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह रोड हमारा एकमात्र सहारा था, अब यह 'संकरा गलियारा' बन गया। वर्षों से यह 'खेल' चल रहा है और प्रशासन चुपचाप तमाशा देख रहा।"

सोशल मीडिया पर गूंजी पुकार, आंदोलन की चेतावनी...

प्रशासन की बेरुखी से तंग आकर लोग अब इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यथा बयां कर रहे हैं। वीडियो और पोस्ट वायरल हो चुके हैं, जहां सीएम की 'अतिक्रमण हटाओ' मंशा का जिक्र करते हुए सूरजपुर प्रशासन पर 'ठेंगा' दिखाने का आरोप लगाया जा रहा है। सुभाष गुप्ता ने चेतावनी दी, "अगर 15 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई, तो हम सड़क पर उतरेंगे। यह सिर्फ हमारा दर्द नहीं, पूरे शहर की बर्बादी का सवाल है।"

क्या सूरजपुर का प्रशासन जागेगा, या अतिक्रमण का 'काला कारोबार' और फलेगा-फूलेगा...? लंबे अरसे से इंतजार के बाद भी कुछ  शहरवासीयों ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है- कहीं ऊपर से आदेश आ जाए, तो यह ' गली' फिर से सांस ले सके।