आपसी विवाद ने ली जान: पेट में बांस का वार बना मौत की वजह, आरोपी गिरफ्तार

अम्बिकापुर । सरगुजा जिले अंतर्गत थाना बतौली क्षेत्र के ग्राम लैगू में एक मामूली आपसी विवाद ने जानलेवा मोड़ ले लिया। घटना में युवक को पेट में बांस के डंडे से मारा गया, जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार दो दिन बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 15 अप्रैल 2025 को ग्राम लैगू में नींदू कुजूर (उम्र लगभग 24 वर्ष) और उसके पड़ोसी राजेश नगेसिया (18 वर्ष) के बीच किसी निजी विवाद को लेकर कहासुनी हुई थी। यह विवाद धीरे-धीरे हिंसक हो गया, जिसके दौरान आरोपी राजेश ने पास ही रखे बांस के डंडे से नींदू के पेट पर जोरदार वार कर दिया।नींदू को तत्काल आंतरिक चोटें आईं, लेकिन वह घर लौट आया। परिजनों ने उसे प्राथमिक इलाज दिलाया। हालांकि, अगले दो दिनों में उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। दिनांक 17 अप्रैल को, जब वह स्नान कर रहा था, अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई।घटना के बाद मृतक के भाई बबलू कुजूर ने थाना बतौली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मर्ग क्रमांक 35/25 दर्ज कर शव का पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया । इसके बाद पुलिस ने घटना को सामान्य मौत न मानते हुए हत्या का मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू की।मर्ग जांच के आधार पर पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला कि मौत की मुख्य वजह वही चोट है, जो राजेश नगेसिया द्वारा झगड़े के दौरान मारी गई थी। इसके पश्चात थाना बतौली में अपराध क्रमांक 49/25 धारा 103(1) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया।आरोपी राजेश कुमार, पिता सांझू राम, उम्र 18 वर्ष, निवासी ग्राम लैगू को पुलिस टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। प्रारंभिक पूछताछ में ही उसने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। आरोपी की निशानदेही पर घटनास्थल से बांस का डंडा भी बरामद किया गया, जो इस केस का प्रमुख सबूत बना।इस पूरी कार्यवाही में बतौली थाना की पुलिस टीम ने तत्परता दिखाई। थाना प्रभारी उप निरीक्षक सी.पी. तिवारी के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक संजय गुप्ता, प्रधान आरक्षक देवेन्द्र सिंह, महिला आरक्षक मेरी क्लारेट, आरक्षक राजेश खलखो, रामदेव, रविनारायण, भगलू राम एवं आनंद द्वारा प्रभावशाली रूप से मामले की जांच की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। बहरहाल यह घटना एक बार फिर यह बताती है कि छोटे विवाद भी अगर नियंत्रण से बाहर हो जाएं तो उनका परिणाम भयावह हो सकता है। समाज में संवाद, संयम और समझदारी ही ऐसे अनचाहे हादसों से बचने का रास्ता है।