ओडगी में सचिवों ने दी साथी को श्रद्धांजलि, भूख हड़ताल पर बैठे कई पंचायत सचिव
कोरबा में भूख हड़ताल के दौरान एक सचिव की मौत, प्रदेशभर में शोक की लहर
ओडगी (सूरजपुर) 16 अप्रैल 2025। पंचायत सचिवों की एक सूत्रीय मांगों को लेकर 17 मार्च से चल रही प्रदेशव्यापी हड़ताल अब और भी संवेदनशील मोड़ पर पहुंच गई है। मंगलवार 15 अप्रैल को कोरबा जिले के एक सचिव साथी की भूख हड़ताल के दौरान मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद बुधवार को ओडगी हड़ताल स्थल पर सभी सचिव एकत्र हुए और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।अब तक हड़ताल के दौरान 3 सचिव अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश और शोक का माहौल है। सचिवों का आरोप है कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जनहित के कार्य ठप हो चुके हैं।
ओड़गी में भूख हड़ताल शुरू
आज ओडगी के धरना स्थल पर सचिवों ने आंदोलन को और तेज करते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी। आंदोलनरत सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
धरना स्थल पर ये सचिव रहे मौजूद:
सतीश गुर्जर, शांता प्रसाद राजवाड़े, सूरदयाल सिंह, रामकुमार पांडेय, सियाराम, हौसला प्रसाद राजवाड़े, सुखदेव, संजय गुर्जर, शिवलाल राजवाड़े, पन्नालाल, पंचरूप, करमचंद, सियाराम वैश, जगदीश वैश और नर्मदा पाठक समेत कई सचिवों ने आज धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
ग्रामीण कार्य प्रभावित, लेकिन सरकार खामोश
लगातार हड़ताल और भूख हड़ताल के कारण ग्राम पंचायतों में मूलभूत सेवाएं ठप हो गई हैं। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर मनरेगा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्य प्रभावित हो चुके हैं। इसके बावजूद सचिवों का कहना है कि शासन-प्रशासन की चुप्पी उनके त्याग और बलिदान का अपमान है।
अब आर-पार की लड़ाई है
सचिव संघ के नेताओं ने साफ कर दिया है कि यह आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई बन चुका है। जब तक उनकी एक सूत्रीय मांग – नियमितीकरण एवं सेवा शर्तों का निर्धारण – पूरी नहीं होती, तब तक संघर्ष रुकेगा नहीं।