करीब 90 एकड़ वन भूमि पर अवैध पट्टा और चैतन्य इंस्टीट्यूट के गैरकानूनी संचालन के खिलाफ युवा कांग्रेस-एनएसयूआई का हाइवे पर चक्का जाम
सूरजपुर/बिश्रामपुर, 02 जून 2025 (ब्रेकिंग)। जिले के ग्राम पंचायत कोलड़ीहा में 90 एकड़ वन भूमि पर अवैध रूप से वन अधिकार पट्टा हासिल करने और संजयनगर में चैतन्य इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल के गैरकानूनी संचालन के विरोध में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर नेशनल हाइवे-43 पर चक्का जाम कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस आंदोलन का नेतृत्व युवा कांग्रेस भटगांव विधानसभा अध्यक्ष विक्की समद्दार ने किया, जिसमें वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दानिश रफीक भी शामिल रहे। बहरहाल प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि वन भूमि पर अवैध पट्टे को तत्काल रद्द किया जाए, चैतन्य इंस्टीट्यूट के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को हटाया जाए। साथ ही, दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इतने गंभीर मामलों में कार्रवाई न होना प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी गई है।
करीब 90 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप
युवा कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोलड़ीहा के पूर्व सरपंच पति समित केरकेट्टा और उनके परिवार के सदस्यों—महेश केरकेट्टा, उमेश केरकेट्टा, हरदयाल केरकेट्टा, रजनी केरकेट्टा, समिता केरकेट्टा और मंगलू केरकेट्टा—ने ग्राम पंचायत आमगांव में वन विभाग की करीब 90 एकड़ भूमि पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए वन अधिकार पट्टा हासिल कर लिया। यह भूमि सूरजपुर क्षेत्र के प्लांटेशन फॉरेस्ट पी-2533 के अंतर्गत आती है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस पट्टे को तत्काल निरस्त कर भूमि को पुनः वन विभाग के नाम दर्ज किया जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो। वरिष्ठ नेता दानिश रफीक ने कहा, यह एक संगीन मामला है। अभिलेखों में कूटरचना कर वन भूमि पर कब्जा करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण और स्थानीय समुदाय के हितों के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बनाती है।
चैतन्य इंस्टीट्यूट पर अवैध निर्माण और संचालन का आरोप
दूसरी ओर, एनएसयूआई प्रदेश सचिव कुंदन विश्वकर्मा ने संजयनगर में चैतन्य इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल के अवैध संचालन को लेकर सवाल उठाए। संस्था पर बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के शासकीय भूमि (खसरा क्रमांक 191) पर तीन मंजिला भवन बनाकर नियम-विरुद्ध तरीके से संचालन करने का आरोप है। कुंदन ने बताया कि इस संबंध में 22 मई 2025 को जिला प्रशासन और वन मंडलाधिकारी को शिकायत दी गई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
विक्की समद्दार ने कहा, हमने 22 मई को ही जिला कलेक्टर और वन मंडलाधिकारी को पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते हमें सड़क पर उतरना पड़ा। यह चक्का जाम हमारी मजबूरी है, क्योंकि जनहित के मुद्दों पर प्रशासन मौन है।
हाइवे पर चक्का जाम, ग्रामीणों का समर्थन
प्रदर्शन के दौरान नेशनल हाइवे-43 पर यातायात पूरी तरह ठप रहा। स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदर्शन में तपन सिकदार, परमेश्वर रजवाड़े, सैयद अमिल, शोहराब भाई, अजहर खान, अभय लकड़ा, भीमा सिंह, सत पैकरा, दाऊद इक्का, राजघाट मिंज, आकाश मंडल, अजित बेक, अरुण टोप्पो, मारवाड़ी लकड़ा, रामनाथ बेक, जज कुजूर, विश्वनाथ सहित सैकड़ों ग्रामीण और युवा कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।