गौ-मांस तस्करी और पशु क्रूरता पर जिला प्रशासन सख्त :दो वाहन राजसात

गौ-मांस तस्करी और पशु क्रूरता पर जिला प्रशासन सख्त :दो वाहन राजसात

अम्बिकापुर, 11 अगस्त 2025। सरगुजा जिला प्रशासन ने अवैध गौ-मांस परिवहन और पशु तस्करी के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए दो वाहनों को राजसात करने का आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 के तहत कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने एक जीप (क्रमांक CG15 JD 0616) और एक पिकअप वाहन (क्रमांक JH 01 EZ 7881) को अधिहरण करने का फैसला सुनाया। यह कार्रवाई अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए की गई है।बहरहाल दोनों मामलों में छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 5, 6, 10 और पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की गई। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन और साक्ष्यों के आधार पर यह फैसला लिया। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि पशु तस्करी और अवैध गौ-मांस परिवहन के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।

जीप में गौ-मांस, चार आरोपी गिरफ्तार 

पुलिस के अनुसार, 6 मार्च 2024 को रघुनाथपुर चौकी क्षेत्र के ग्राम सिलसिला के पास एक जीप तेज गति से चलाते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वाहन में सवार विल्सन तिग्गा और ललित एक्का भागने की कोशिश में थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। तलाशी में वाहन से 11 किलो गौ-मांस, गणासा और टांगी बरामद हुई। आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि यह मांस जजगा निवासी विरेन्द्र उर्फ विजेन्द्र से लेकर अम्बिकापुर ले जाया जा रहा था। पशु चिकित्सक और हैदराबाद की Meat Species Identification Laboratory की जांच में मांस Bovine प्रजाति का पाया गया। पुलिस ने चार आरोपियों—विल्सन तिग्गा, ललित एक्का, विरेन्द्र तिर्की और इलियस बड़ा—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 7 अगस्त को न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर जीप को राजसात करने का आदेश दिया।

पिकअप में ठूंसे गए थे 10 मवेशी  

दूसरी घटना में, 29 सितंबर 2024 को गांधीनगर थाना पुलिस ने चठिरमा बैरियर पर वाहन चेकिंग के दौरान एक पिकअप (JH 01 EZ 7881) को पकड़ा, जो पुलिस को देखकर भागने की कोशिश में था। ठाकुरपुर रेलवे स्टेशन के पास रुके वाहन में 9 गायें और 1 बैल क्रूरतापूर्वक ठूंसे पाए गए, जिन्हें बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने वाहन और मवेशियों को जप्त कर जांच शुरू की, जिसमें बिना वैध दस्तावेजों के तस्करी की पुष्टि हुई। वाहन स्वामी को नोटिस जारी किया गया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में 4 अगस्त को कलेक्टर ने साक्ष्यों के आधार पर पिकअप वाहन को राजसात करने का आदेश पारित किया।