चावल से लदा ट्रक तालाब में पलटा, सैकड़ों बोरी चावल भीगा, सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज

चावल से लदा ट्रक तालाब में पलटा, सैकड़ों बोरी चावल भीगा, सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज
चावल से लदा ट्रक तालाब में पलटा, सैकड़ों बोरी चावल भीगा, सड़क चौड़ीकरण की मांग तेज

सूरजपुर (ब्रेकिंग)।जिले के पंडोंनगर स्थित वेयरहाउस/एफसीआई गोदाम से करीब 500 बोरी चावल लोड कर रेलवे स्टेशन रेक पॉइंट की ओर जा रहा एक ट्रक सोमवार को रास्ते में पलट गया। हादसे में संभवतः ट्रक तालाब में जा गिरा, जिससे सैकड़ों बोरी चावल भीग गया। समाचार लिखे जाने तक इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी यह सड़क परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं है। संकरी सड़क के कारण आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।कुलमिलाकर यह हादसा न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बना, बल्कि क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की कमियों को भी उजागर करता है। स्थानीय लोगों और नेताओं की मांग है कि प्रशासन इस घटना को गंभीरता से ले और सड़क चौड़ीकरण के साथ-साथ क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए।  

स्थानीय नेताओं ने उठाई आवाज  

जिला पंचायत सदस्य व युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़क की स्थिति बेहद खराब है। संकरी सड़क के कारण भारी वाहनों की आवाजाही में हमेशा जोखिम रहता है। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क चौड़ीकरण की जरूरत को उजागर किया है।" 

यादव ने यह भी मांग की कि एफबीआई गोदाम में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं। उन्होंने कहा, "गोदाम में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए ताकि क्षेत्र का आर्थिक विकास हो और बेरोजगारी कम हो।"

प्रशासन पर उठ रहे सवाल  

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की खराब स्थिति और अपर्याप्त चौड़ाई के कारण पहले भी कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इस हादसे ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।