जंगल की वापसी बनी काल: हाथी दल के हमले में ग्रामीण कुचला, मौके पर दर्दनाक अंत
सूरजपुर। वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव ने एक बार फिर दर्द दे दिया। तमोर पिंगला अभयारण्य के घने जंगल से लौटते समय देर शाम एक 50 वर्षीय ग्रामीण पर भड़के हाथियों के झुंड ने जानलेवा हमला कर दिया। देखते ही देखते हाथियों ने उसे बुरी तरह कुचल डाला, जिससे मौके पर ही उसकी सांसें थम गईं। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है।
जानकारी के अनुसार, मृतक ग्रामीण अपने दो साथियों संग जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने व अन्य कामों के सिलसिले में अभयारण्य के जंगल पहुंचा था। शाम ढलते-ढलते लौटने के दौरान अचानक उनका सामना उग्र हाथियों के दल से हो गया। भयानक चीखें गूंजने लगीं, लेकिन हाथी किसी को फुर्सत न दिए। मृतक पर सीधा धावा बोलते हुए उन्होंने उसे जमीन पर पटक दिया और पैरों तले रौंद डाला। उसके साथी किसी तरह जंगल की ओट में छिपकर जान बचाने में कामयाब रहे।घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही तेज हो गई है, इसलिए बिना जरूरी काम के जंगल की ओर कदम न रखें।स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश भरा कहना है कि पिछले कुछ दिनों से हाथियों का राज जंगल से गांवों तक फैल गया है। फसलें बर्बाद, जानें खतरे में—डर का साया मंडराने लगा है। कुलमिलाकर यह घटना वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन की चुनौती को उजागर करती है। क्या होगा अगला शिकार..? सवाल वही, जवाब ढूंढे विभाग...