जनजातीय गौरव दिवस पर धरती आबा बिरसा मुंडा को याद किया, कौशल केंद्र में पेंटिंग-रंगोली से गूंजा उत्साह
अम्बिकापुर । जनजातीय गौरव दिवस के पावन अवसर पर जनजातीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई, जिसने उपस्थित सभी के मन में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी।कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के निर्देशानुसार आयोजित इस भव्य समारोह में प्रशिक्षणरत छात्र-छात्राओं ने पेंटिंग, रंगोली, भाषण, निबंध और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत बना दिया। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे युवा प्रतिभाओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ।मुख्य अतिथि शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. एजेन टोप्पो ने संबोधन में बिरसा मुंडा के बलिदान को याद करते हुए कहा, "आज हम स्वतंत्र मन से जी रहे हैं, यह उन वीरों की देन है जिन्होंने कम उम्र में देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। बिरसा मुंडा ने समाज को एकजुट कर आंदोलन चलाया, जो हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। उनकी जीवनी से संस्कृति रक्षा की शिक्षा मिलती है।सरगुजा साइंस ग्रुप के अंचल ओझा ने उलगुलान विद्रोह पर रोशनी डालते हुए बताया कि कैसे बिरसा मुंडा ने सामूहिक कृषि और समाज संगठन के अभियान चलाए। यही कारण है कि जनजातीय समुदाय उन्हें 'धरती आबा' यानी पृथ्वी के पिता के रूप में पूजता है।कार्यक्रम का संचालन एवं आभार जन शिक्षण संस्थान के निदेशक एम. सिद्दीकी ने किया। उन्होंने जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़े के तहत हुए आयोजनों की जानकारी साझा की और सरकार की कौशल विकास योजनाओं पर प्रकाश डाला।आयोजन में रमेश कुमार, शुभांकर, रेणु यादव, गीता यादव, सुनीता, रुपाली विश्वकर्मा और कक्षा परवीन का सराहनीय योगदान रहा। जनजातीय कौशल केंद्र व राजमोहिनी देवी महाविद्यालय के प्रशिक्षणार्थियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया।