धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से बदलेगी 284 ग्रामों की तस्वीर – 15 से 30 जून तक विशेष शिविर, योजना से आदिवासी परिवार होंगे सशक्त
15 जून से 30 जून तक धरती आबा अभियान - जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर का किया जायेगा आयोजन
सूरजपुर, 18 मई 2025। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2024 को प्रारंभ "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान" अब जिले में गति पकड़ चुका है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सूरजपुर जिले की 284 ग्रामों में रहने वाले आदिवासी परिवारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।जिले के सभी छह विकासखंडों—सूरजपुर, प्रतापपुर, भैयाथान, ओड़गी, प्रेमनगर और रामानुजनगर में अभियान के तहत 284 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है। पंचायतों का चयन कर कार्ययोजना बनाई गई है। कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के नेतृत्व में संबंधित विभागों ने योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया है।15 जून से 30 जून 2025 तक चलने वाले विशेष "जागरूकता एवं लाभ संतृप्ति शिविरों" में आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम-किसान, जनधन, बीमा, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार योजनाएं, महिला व बाल कल्याण सहित करीब 25 प्रमुख सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी।इस अभियान में 17 मंत्रालयों के सहयोग से 79,156 करोड़ रुपये के बजट से स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, आवास, आजीविका और कौशल विकास से जुड़े 25 हस्तक्षेपों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा। इनमें 10 नए आश्रम व छात्रावास भवन, पशुपालन विभाग की ओर से 571 हितग्राहियों के लिए 4.34 करोड़, मत्स्य विभाग द्वारा 6.80 करोड़ की योजनाएं प्रस्तावित की जा चुकी हैं।सहायक आयुक्त आदिवासी विकास घनश्याम कुमार ने बताया कि यह अभियान आदिवासी समुदायों को स्वावलंबन, समृद्धि और सशक्तिकरण की दिशा में नया आयाम देगा। पांच वर्षों में चलने वाली इस पहल से जनजातीय इलाकों में संपूर्ण विकास की इबारत लिखी जाएगी। कुलमिलाकर धरती आबा अभियान न केवल सरकारी योजनाओं की पहुंच को अंतिम छोर तक ले जाएगा, बल्कि "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" के मंत्र को धरातल पर साकार करेगा।