धार्मिक आयोजनों में 'फिल्मी धुन' पर रोक लगे: कांग्रेस पार्षद ने एसडीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, गैर-धार्मिक गाने बने तो जिम्मेदार होगा जिला प्रशासन

धार्मिक आयोजनों में 'फिल्मी धुन' पर रोक लगे: कांग्रेस पार्षद ने एसडीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, गैर-धार्मिक गाने बने तो जिम्मेदार होगा जिला प्रशासन

अम्बिकापुर। नवरात्रि की धूम में डांडिया, दुर्गा पूजा और विसर्जन जैसे धार्मिक कार्यक्रमों की रौनक तो बनी रहे, लेकिन 'फिल्मी गानों' की धुन पर अब ब्रेक लगाने की मांग जोर पकड़ रही है। कांग्रेस के नगर निगम पार्षद शुभम जायसवाल ने आज अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें इन आयोजनों में गैर-धार्मिक गानों के इस्तेमाल पर सख्त पाबंदी लगाने की मांग की गई। पार्षद का कहना है कि ऐसे गाने भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, इसलिए कार्यक्रम की अनुमति शर्तों में इसे अनिवार्य बनाया जाए।ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि डांडिया रास, दुर्गा पूजा और विसर्जन जैसे धार्मिक आयोजनों में केवल भक्ति भरे धार्मिक गाने ही बजाए जाएं। अगर कोई आयोजक इसका उल्लंघन करता है, तो जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। शुभम जायसवाल ने कहा, "ये कार्यक्रम हमारी संस्कृति और आस्था के प्रतीक हैं। गैर-धार्मिक गानों से धार्मिक माहौल खराब होता है, जो किसी की भावनाओं को आहत करता है। अनुमति देते समय ही ये शर्त जोड़ी जाए, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।"

ज्ञापन सौंपने के अवसर पर चंद्र प्रकाश सिंह, रोशन कनौजिया, अमित वर्मा, राहुल सोनी, मिथुन सिंह, अतुल ताम्रेकर, अंकित, रवि, संस्कार और अंकुश जैसे प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर मांग पूरी न हुई, तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन शहरवासी इस मुद्दे पर चर्चा में जुटे हैं। क्या ये मांग धार्मिक आयोजनों को और शुद्ध बनाएगी, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन बहस जरूर छेड़ दी है..?