बांग्लादेश में भी लागू होगा शरिया कानून? कट्टर इस्लामिक ग्रुप ने तालिबानी मॉडल लाने का कर दिया ऐलान

बांग्लादेश एक समय तक ठीक गति से आगे बढ़ रहा था. देश में विकास को लेकर भी काम हो रहा था, लेकिन अब मोहम्मद यूनुस की सरकार बांग्लादेश को बर्बादी के रास्ते पर ला चुकी है. एक कट्टर इस्लामिक संगठन जमात चार मोनाई ने खुलेआम घोषणा की है कि देश में तालिबान के मॉडल को अपनाया जाएगा. इसके जरिए बांग्लादेश में शरिया पर आधारित कानून लागू किया जाएगा.
दरअसल चार मोनाई के प्रमुख मुफ्ती सैयद मुहम्मद फैजुल करीम ने घोषणा की है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो देश में शरिया कानून लागू किया जाएगा. अमेरिकी-बांग्लादेशी पत्रकार खालेद मुहीउद्दीन ने एक हाल ही में एक इंटरव्यू लिया था. इसमें फैजुल करीम ने कहा कि नेशनल इलेक्शन जीतने पर 'इस्लामी मूवमेंट बांग्लादेश' शरिया कानून लागू करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार बनी तो हिंदुओं को भी शरिया कानून से अधिकार मिलेगा.
बांग्लादेश में शरिया कानून लाने की कोशिश में कट्टरपंथी
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद काफी अराजकता फैल गई. देश में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान भारी संख्या में लोगों को नुकसान पहुंचा था. ऐसा भी दावा किया गया कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई. अब देश में शरिया कानून लाने की कोशिश की जा रही है. अगर बांग्लादेश में तालिबानी मॉडल लागू हुआ तो अराजकता फिर से फैल सकती है. हालांकि अभी तक यूनुस सरकार की तरफ से इस मामले पर किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.
बता दें कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद देश के हालात काफी ज्यादा खराब हो गए थे. शेख हसीना देश छोड़कर भारत चली आई थीं, लेकिन हाल ही में उन्हें एक करारा झटका लगा. शेख हसीना को अदालत की अवमानना के मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने छह महीने की जेल की सजा सुना दी.