असद भी वैसे मरे जैसे उसने हमारे बच्चों को मारा:मेरठ में दो बच्चों की हत्या से गुस्साए पड़ोसी, बोले पुलिस की लापरवाही से हुई दूसरी हत्या

असद भी वैसे मरे जैसे उसने हमारे बच्चों को मारा:मेरठ में दो बच्चों की हत्या से गुस्साए पड़ोसी, बोले पुलिस की लापरवाही से हुई दूसरी हत्या
मेरठ के सरधना थाना क्षेत्र के गांव नवाबगढ़ी में हुई दो बच्चों की हत्या से उनके परिवार वालों सहित असापास रहने वाले लोगों , रिश्तेदारों में भी आक्रोश है। लागों ने पुलिस पर भी आरोप लगाए हैं कि अगर पुलिस चार महीने पहले लापता हुए रिहान के केस को गंभीरता से लेती तो आज उवैश की जान नहीं जाती। आंखों में आंसू लिए वहां मौजूद हर एक व्यक्ति सिर्फ एक ही मांग करता नजर आ रहा है। उनका कहना है कि जिन मासूमों ने भी बचपन के पड़ाव से बाहर पैर ही रखा था। उनको इतनी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। इसका न्याय उन्हे मिलना चाहिए। जेल की सजा नहीं है काफी रोते हुए उवेश की दादी बार बार बोल रही थी कि जैसा मेरे पोते के साथ किया उसके साथ भी वही होना चाहिए। हमने अपना सब कुछ खो दिया है जेल से तो वह आज न कल बाहर आ जाएगा। इसलिए उसे ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए जैसी उसने मेरे पोते को बिना गलती के दी है। पुलिस पर लापरवाही का आरोप परिजनों का कहना है कि अप्रैल में उन्ही के मौहल्ले में रहने वाला रिहान अचानक लापता हो गया था। जिसमें रिहाने के पिता ने आरोपी असद पर ही शक जताते हुए तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस ने न तो उसकी तलाश की और न ही आरोपी से सख्ती से पुछताछ की। अगर उस समय पुलिस यह काम करती तो कम से कम आज उनके मौहल्ले में दो बच्चों की मौत न हुई होती। मेरा इकलौता पोता चला गया उवैश की दादी ने बताया कि वह अपनी बहनों का अकेला भाई था। उवैश के साथ ऐसा होने से जहां बहनों ने अपना इकलौता भाई खोया हैं। वहीं रोज सुबह दादी का स्वास्थ जानने वाला पोता भी अब उनके पास नहीं हैं। रोते हुए अपने पोते के लिए इंसाफ की गुहार लगा रही मृतक की दादी बार बार कह रही है कि मेरे पोते को न्याय मिलना चाहिए।