भू-माफियाओं पर शिकंजा: फर्जी दस्तावेजों से भूमि हड़पने का सनसनीखेज खुलासा, महिला-पटवारी सहित तीन गिरफ्तार

भू-माफियाओं पर शिकंजा: फर्जी दस्तावेजों से भूमि हड़पने का सनसनीखेज खुलासा, महिला-पटवारी सहित तीन गिरफ्तार

बलरामपुर।जिले के कुसमी तहसील क्षेत्र में भू-अभिलेखों में कूट रचना और अवैध भूमि प्रविष्टि के एक संगठित षड्यंत्र ने प्रशासन को चौंका दिया है। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए तीन आरोपियों—एक महिला, तत्कालीन पटवारी और एक ग्रामीण—को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। यह कार्रवाई राजस्व अभिलेखों से जुड़े फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश दे रही है। उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी नायब तहसीलदार पारस शर्मा द्वारा थाना कुसमी में दर्ज शिकायत के आधार पर यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2013-14 में ग्राम कंजिया की भूमि (खसरा नंबर 536/5, रकबा 0.012 हेक्टेयर) पर सरस्वती गुप्ता के नाम से अवैध प्रविष्टि दर्ज की गई थी। जांच में सामने आया कि इस फर्जीवाड़े के पीछे तत्कालीन हल्का पटवारी बिहारी कुजूर और अंबिकेश गुप्ता की अहम भूमिका थी। सरस्वती गुप्ता ने एक कूटरचित न्यायालय आदेश पेश किया, जिसे अंबिकेश गुप्ता ने असली बताकर वर्ष 2012-13 के राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध रूप से प्रविष्टि दर्ज की। इस साजिश ने न केवल सरकारी रिकॉर्ड को दूषित किया, बल्कि भू-माफियाओं की गहरी सांठगांठ को भी उजागर किया।पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (दस्तावेजों की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी हेतु जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का प्रयोग), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत अपराध क्रमांक 61/2025 दर्ज किया। गिरफ्तार आरोपियों में सरस्वती गुप्ता (पति स्वर्गीय मोतीलाल गुप्ता, निवासी कुसमी), बिहारी कुजूर (तत्कालीन हल्का पटवारी, तहसील कार्यालय कुसमी) और अंबिकेश गुप्ता (पिता स्वर्गीय मोतीलाल साहू, निवासी कुसमी) शामिल हैं। पूछताछ के दौरान तीनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की, जिसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कुलमिलाकर पुलिस और प्रशासन की इस संयुक्त कार्रवाई ने न केवल एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, बल्कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में भी मजबूत संदेश दिया है।

पुलिस की सख्ती, भू-माफियाओं में हड़कंप

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में इस मामले में त्वरित कार्रवाई की गई। पुलिस का कहना है कि जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है और अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी गहन पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इस तरह के फर्जीवाड़े में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिन्हें जल्द ही कठघरे में लाया जाएगा।

प्रशासन का जीरो टॉलरेंस का रुख

जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राजस्व अभिलेखों से जुड़े फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त नीति अपनाने का ऐलान किया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि भू-माफियाओं और अवैध प्रविष्टियों पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल कुसमी बल्कि पूरे जिले में भू-अभिलेखों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों में चर्चा

इस घटना ने कुसमी क्षेत्र में भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को और तेज कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े से गरीब और अनजान किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्र में भू-माफियाओं के खिलाफ भय का माहौल बन गया है।