बुजुर्गों के सम्मान और कल्याण में छत्तीसगढ़ सरकार का मानवीय संकल्प: समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े
माना कैंप वरिष्ठजन आश्रम का औचक निरीक्षण, बुजुर्गों की सुनी मन की बात, व्यवस्थाओं में सुधार के कड़े निर्देश
रायपुर, 27 मई 2025। छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने मंगलवार को राजधानी रायपुर के माना कैंप स्थित शासकीय नवीन वरिष्ठजन आश्रम का औचक दौरा कर न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाई, बल्कि अपनी मानवीय संवेदना और सामाजिक सरोकार के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का अनूठा उदाहरण पेश किया। इस दौरान उन्होंने आश्रम में निवासरत वरिष्ठ नागरिकों के साथ दिल से दिल जोड़कर उनकी समस्याएं सुनीं, उनके अनुभवों को समझा और उनके कल्याण के लिए हरसंभव कदम उठाने का वादा किया। यह दौरा न केवल सरकार की नीतियों का प्रतीक बना, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को और मजबूत करने का संदेश दे गया।
बुजुर्गों के साथ आत्मीय संवाद, सुनी मन की बात
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के साथ लंबा समय बिताया। उनकी आत्मीयता और संवेदनशीलता उस वक्त साफ झलकी, जब उन्होंने एक-एक बुजुर्ग से व्यक्तिगत रूप से बात की, उनके स्वास्थ्य, भोजन, मनोरंजन और दैनिक जरूरतों की बारीकी से जानकारी ली। कई बुजुर्गों ने अपनी जिंदगी के अनुभव, आश्रम की व्यवस्थाओं को बेहतर करने के सुझाव और अपनी छोटी-छोटी जरूरतें साझा कीं। मंत्री ने इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए सहानुभूतिपूर्ण कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उनकी यह संवेदनशीलता बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान और विश्वास लेकर आई।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा, “हमारे बुजुर्ग हमारी संस्कृति और समाज की नींव हैं। उनकी सेवा और सम्मान हमारा नैतिक दायित्व है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए सम्मानजनक, सुरक्षित और सुखद जीवन सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य न केवल आश्रमों में सुविधाएं बढ़ाना है, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान की भावना को और गहरा करना भी है।
स्वच्छता और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
आश्रम की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए श्रीमती राजवाड़े ने साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष जोर दिया। उन्होंने मौजूदा व्यवस्थाओं पर संतोष जताया, लेकिन स्वच्छता को और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। “आश्रम में रहने वाले हमारे बुजुर्गों को घर जैसा माहौल मिलना चाहिए। स्वच्छता और सुविधाएं उनकी गरिमा और स्वास्थ्य का आधार हैं,” उन्होंने कहा। इसके लिए उन्होंने स्वच्छता मानकों का कठोरता से पालन करने, नियमित रखरखाव सुनिश्चित करने और बुजुर्गों की जरूरतों के अनुरूप सुधार करने के निर्देश दिए।
सामाजिक सरोकार का संदेश
यह दौरा केवल एक औपचारिक निरीक्षण नहीं था, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का एक जीवंत संदेश था। श्रीमती राजवाड़े ने अपने इस कदम से यह स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार न केवल नीतिगत स्तर पर, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर भी वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए तत्पर है। उन्होंने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे अपने परिवार और आसपास के बुजुर्गों का सम्मान करें, उनकी देखभाल करें और उन्हें अकेलेपन से बचाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा “बुजुर्गों का अनुभव और आशीर्वाद समाज के लिए अमूल्य है। हमें उनकी देखभाल को सामाजिक दायित्व के रूप में अपनाना होगा,” ।
सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाएं
मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, मनोरंजन, सामाजिक जुड़ाव और आर्थिक सहायता जैसी सुविधाओं को और सशक्त करने की दिशा में काम कर रही है। आश्रमों को न केवल रहने की जगह, बल्कि एक जीवंत और खुशहाल समुदाय के रूप में विकसित करने की योजना है। इस दौरे के दौरान समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, आश्रम प्रबंधन समिति के सदस्य और कर्मचारी मौजूद रहे, जिन्हें मंत्री ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।
एक प्रेरणादायक पहल
श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का यह दौरा न केवल सरकार की नीतियों का प्रतीक है, बल्कि उनकी मानवीय संवेदना और सामाजिक सरोकार की भावना का भी परिचायक है। यह कदम छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल को बढ़ावा देने के लिए यह पहल एक प्रेरणा बनकर उभरी है, जो सरकार और समाज के बीच एक मजबूत सेतु का निर्माण करती है।