मांगें नहीं मानी गईं तो धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे कर्मचारी, 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे

मांगें नहीं मानी गईं तो धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे कर्मचारी, 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे

सूरजपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के आह्वान पर जिले के सहकारी समिति कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर 3 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कर्मचारियों ने कलेक्टर और उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सूरजपुर को ज्ञापन सौंपा।कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो इस वर्ष धान खरीदी कार्य का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। संघ ने कहा कि लंबे समय से शासन-प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं निकाला गया, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।इस दरम्यान संघ की प्रमुख चार सूत्रीय मांगें का ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें धान खरीदी वर्ष 2024-25 की कंडिका 1.10 के अनुसार परिवहन का 50 प्रतिशत कार्य संपूर्ण रूप से सुखद समिति को दिया जाए अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर द्वारा नामित धान खरीदी अधिकारी प्रभारी को खरीदी से लेकर अंतिम मिलान तक की संपूर्ण जिम्मेदारी लिखित में दी जाए। धान खरीदी नीति वर्ष 2025-26 में आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति समाप्त कर विभागीय नियोजन कर नियमितीकरण किया जाए। प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों को वेतनमान देने हेतु प्रत्येक समिति को प्रतिवर्ष 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि दी जाए, जैसा मध्यप्रदेश में प्रावधान है।कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी जायज मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।