राजमाता स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव की 92वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि, टी.एस. सिंहदेव ने साझा की यादें
अम्बिकापुर, 13 जुलाई। सरगुजा की माटी से गहरा नाता रखने वाली राजमाता स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव की 92वीं जयंती पर रविवार को जिला कांग्रेस कमेटी, सरगुजा द्वारा राजीव भवन में पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उनके ज्येष्ठ पुत्र, पूर्व उपमुख्यमंत्री और सरगुजा रियासत के महाराज श्री टी.एस. सिंहदेव भी उपस्थित रहे।
13 जुलाई 1933 को हिमाचल प्रदेश के जब्बल राज परिवार में जन्मी राजमाता ने सरगुजा के विकास और कांग्रेस संगठन को मजबूती प्रदान करने में ऐतिहासिक योगदान दिया। सरगुजा महाराज स्व. एम.एस. सिंहदेव से विवाह के बाद उन्होंने सरगुजा को अपनी कर्मभूमि बनाया। उन्होंने अम्बिकापुर और बैकुंठपुर से विधायक रहते हुए अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडलों में आवास, पर्यावरण, मध्यम सिंचाई और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली।
70-80 के दशक में, जब महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता सीमित थी, राजमाता ने सशक्त नेतृत्व के साथ कांग्रेस संगठन को मजबूत किया। दो बार जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं उन्होंने सरगुजा के चप्पे-चप्पे का दौरा कर संगठन की नींव रखी। टी.एस. सिंहदेव ने उनकी स्मृतियों को याद करते हुए कहा, "मां ने महिलाओं और युवाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा दिया। उनकी बनाई नींव पर आज भी सरगुजा में कांग्रेस मजबूत है।"
जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने राजमाता को संगठन की शिल्पकार बताते हुए कहा, "उनके सान्निध्य में मैंने संगठन की बारीकियां सीखीं। उनकी समय की पाबंदी और समर्पण प्रेरणादायी था।" उन्होंने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अंबिकापुर आगमन के दौरान राजमाता द्वारा मंदिर की व्यवस्थाओं को स्वयं संभालने की घटना का भी जिक्र किया।कार्यक्रम में प्रतीक्षा बस स्टैंड पर स्व. एम.एस. सिंहदेव और राजमाता की युगल प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद मां महामाया मंदिर में भंडारा आयोजित हुआ। इस दौरान जे.पी. श्रीवास्तव, द्वितेंद्र मिश्रा, डॉ. अजय तिर्की, शफी अहमद, राकेश गुप्ता सहित कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।