राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड निपटारा, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सम्मानित:मुख्य न्यायाधीश बोले– समान न्याय की मजबूत कड़ी बनी लोक अदालत
सूरजपुर।छत्तीसगढ़ में त्वरित न्याय की मिसाल राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर इतिहास रचा। नौ आयोजनों में 2.27 करोड़ से ज्यादा मामलों का रिकॉर्ड निपटारा कर राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पांच राज्यों में अपनी जगह पक्की कर ली। इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर द्वितीय राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों, परिवार न्यायालयों और पैरा लीगल वॉलंटियर्स को सम्मानित किया।छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में आयोजित गरिमामयी कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा, लोक अदालतें संविधान के अनुच्छेद 39-क की भावना को साकार कर रही हैं। यह समान और सुलभ न्याय का सबसे मजबूत हथियार है। उन्होंने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला अधिकारियों और वॉलंटियर्स के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता सबकी सामूहिक जीत है।सम्मेलन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशों और पैरा लीगल वॉलंटियर्स को प्रशंसा प्रमाण-पत्र भेंट किए गए। वहीं, 16 दिसंबर 2023, 2024 की चार और 2025 की चार राष्ट्रीय लोक अदालतों में बेहतरीन प्रदर्शन वाले जिलों व परिवार न्यायालयों को स्मृति चिन्ह से नवाजा गया। सह-अध्यक्षता न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल व पार्थ प्रतीम साहू ने की।कार्यक्रम में न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास, सचिन सिंह राजपूत, राकेश मोहन पांडेय समेत कई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। रजिस्ट्रार जनरल, जिला न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और सैकड़ों पैरा लीगल वॉलंटियर्स ने शिरकत की। स्वागत उद्बोधन न्यायमूर्ति अग्रवाल ने दिया, जबकि आभार सदस्य सचिव ने ज्ञापित किया।समापन सत्र में संकल्प लिया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत प्रणाली को और मजबूत कर त्वरित व किफायती न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। यह आयोजन उच्च न्यायालय के सहयोग से हुआ, जो न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।