श्रावण मानस महोत्सव: सूरजपुर में होगा भव्य अखंड श्री रामायण पाठ और यज्ञ का शुभारंभ

श्रावण मानस महोत्सव: सूरजपुर में होगा भव्य अखंड श्री रामायण पाठ और यज्ञ का शुभारंभ
श्रावण मानस महोत्सव: सूरजपुर में होगा भव्य अखंड श्री रामायण पाठ और यज्ञ का शुभारंभ

सूरजपुर। भक्ति और आस्था का अनुपम संगम, श्री रामचरित मानस अखंड पाठ समिति के तत्वावधान में श्रावण मानस महोत्सव का भव्य आयोजन कल यानी शुक्रवार 11 जुलाई से श्री रामचरित मानस भवन, मानस चौक, बड़ा तालाब, बड़खपारा में शुरू होने जा रहा है। यह पवित्र आयोजन एक माह तक चलेगा और 10 अगस्त को पूर्णाहुति व महाप्रसाद भंडारे के साथ संपन्न होगा। शहर में पहली बार आयोजित इस धार्मिक महोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से पूरी की गई हैं, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक उत्साह का केंद्र बनेगा।आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रावण मास में श्री रामचरित मानस का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है। भगवान शिव द्वारा रचित और माता पार्वती को प्रथम बार सुनाए गए इस पवित्र ग्रंथ का अखंड पाठ अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्रदान करता है। समिति पिछले 55 वर्षों से सूरजपुर और आसपास के क्षेत्रों में मानस पाठ और यज्ञ का आयोजन करती आ रही है। इस बार श्रावण मास के प्रथम दिन से 9 अगस्त तक प्रतिदिन अखंड पाठ और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। प्रतिदिन सुबह अखंड पाठ शुरू होगा, जो अगले दिन आरती के साथ समाप्त होगा। इसके बाद पुनः पाठ शुरू होगा। साथ ही, सुबह 9 बजे से मास पारायण मानस यज्ञ का आयोजन होगा, जिसमें भक्तगण भक्ति रस में डूब सकेंगे। 10 अगस्त को पूर्णाहुति के साथ भव्य महाप्रसाद भंडारा आयोजित होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।

सहयोग और संकल्प का अवसर 

आयोजन समिति ने यजमानों के लिए सहयोग राशि निर्धारित की है। एक दिन के मुख्य यजमान के लिए 11,000 रुपये, यजमान के लिए 7,100 रुपये और सवामनी भोग के लिए 5,100 रुपये का सहयोग निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, धर्मप्रेमी अपनी इच्छानुसार सहयोग राशि देकर अपने परिवार, इष्ट-मित्रों और प्रियजनों के नाम से संकल्प ले सकते हैं। 

आमंत्रण.... 

आयोजन समिति ने सभी धर्मप्रेमियों से अपील की है कि वे इस पावन अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर भक्ति और पुण्य अर्जन का हिस्सा बनें। श्री रामचरित मानस भवन में आयोजित यह महोत्सव न केवल आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है, बल्कि सामाजिक एकता और भक्ति भाव को बढ़ावा देने का भी माध्यम है।