हिंदीभाषी दुकानदार से मारपीट केस, सातों आरोपी पर FIR:ठाणे में मराठी ना बोलने पर MNS कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारे थे, 4 दिन पहले की घटना

हिंदीभाषी दुकानदार से मारपीट केस, सातों आरोपी पर FIR:ठाणे में मराठी ना बोलने पर MNS कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारे थे, 4 दिन पहले की घटना
महाराष्ट्र के ठाणे में मराठी में बात न करने पर एक दुकानदार से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई है। घटना 4 दिन पहले 30 जून की है, जब मराठी न बोलने पर एक हिंदीभाषी गुजराती दुकानदार की पिटाई कर दी थी। घटना को लेकर राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे ने कहा कि इस पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। राणे ने कहा कि मामले में सातों आरोपी MNS कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की गई है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार शाम आरोपियों को केवल हिरासत लिया गया था और कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया। सातों आरोपियों पर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इन धाराओं में सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। जिस वजह से पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया है। राणे ने MNS कार्यकर्ताओं को चुनौती दी अब जाने वीडियो में क्या था वीडियो में MNS के कई कार्यकर्ता दुकानदार को घेरकर उससे बहस करते दिख रहे हैं। एक सदस्य दुकानदार से कहता है, 'तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।' दुकानदार ने जवाब में कहा कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। जब दुकानदार कहता है कि उसे मराठी सीखनी पड़ेगी, तो एक MNS सदस्य कहता है, 'हां, ऐसा कहो। लेकिन ये क्यों पूछ रहे हो कि मराठी क्यों सीखनी चाहिए? ये महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में कौन-सी भाषा बोली जाती है?' जब दुकानदार कहता है- 'सभी भाषाएं', तो एक व्यक्ति उसे थप्पड़ मारता है, फिर दूसरा व्यक्ति भी उसे दो बार थप्पड़ मारता है। दुकानदार कुछ समझाने की कोशिश करता है, लेकिन उसे चार बार और थप्पड़ मारे जाते हैं। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से मराठी और इंग्लिश अनिवार्य करने की अपील की थी पिछले महीने MNS नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि, 'वो लिखित आदेश जारी करे कि पहली कक्षा से बच्चों को सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाएगी, हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाएगा।' उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले तीन भाषाएं पढ़ाने का फैसला लिया था और अब हिंदी की किताबें छप भी गई हैं। अगर सरकार अब फिर से हिंदी को जरूरी करती है, तो MNS आंदोलन करेगी। महाराष्ट्र में 16 अप्रैल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने का फैसला लिया गया था, इसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था। हालांकि राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसके चलते राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना निर्णय वापस ले लिया था। पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि स्टूडेंट्स तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी। पूरी खबर यहां पढ़ें... -------------------- ये खबरें भी पढ़ें... महाराष्ट्र में स्कूलों में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी का आदेश वापस:कक्षा 1-5वीं तक हिंदी को तीसरी लैंग्वेज बनाया था महाराष्ट्र सरकार ने 29 जून को तीन भाषा नीति से जुड़े अपने 16 और 17 अप्रैल को जारी दो आदेश (GR) रद्द कर दिए। सरकार के इस आदेश के खिलाफ विपक्ष लगातार विरोध कर रहा था। इसके तहत सरकार ने इसी साल अप्रैल में कक्षा 1 से 5वीं तक तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...