अम्बिकापुर-मनेंद्रगढ़ मार्ग पर चक्काजाम: शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ नागरिकों का हंगामा, प्रशासन ने तीन दिन में कार्रवाई का दिया भरोसा

अम्बिकापुर-मनेंद्रगढ़ मार्ग पर चक्काजाम: शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ नागरिकों का हंगामा, प्रशासन ने तीन दिन में कार्रवाई का दिया भरोसा
अम्बिकापुर-मनेंद्रगढ़ मार्ग पर चक्काजाम: शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ नागरिकों का हंगामा, प्रशासन ने तीन दिन में कार्रवाई का दिया भरोसा

अम्बिकापुर, 25 मई 2025। शहर से लगे अम्बिकापुर-मनेंद्रगढ़ मार्ग पर काली घाट क्षेत्र में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे और जायसवाल ट्रेडिंग कंपनी द्वारा संचालित कबाड़ व्यवसाय के खिलाफ स्थानीय नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए नागरिकों और भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मिलकर नेशनल हाइवे-43 पर चक्काजाम कर दिया, जिससे अंबिकापुर-मनेंद्रगढ़ मार्ग पूरी तरह ठप हो गया। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। आंदोलनकारियों की मांग थी कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा हटाया जाए और कबाड़ व्यवसाय को तुरंत बंद किया जाए। तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने की लिखित गारंटी दी। इसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और चक्काजाम समाप्त किया गया। बहरहाल यह मामला अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। स्थानीय नागरिकों की एकजुटता और आक्रोश ने साफ कर दिया है कि वे अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रशासन की ओर से दी गई तीन दिन की समय सीमा पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या इस बार शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त हो पाएगी, या यह मुद्दा और तूल पकड़ेगा...? यह देखना दिलचस्प होगा।

पहले भी दी जा चुकी थी चेतावनी, कार्रवाई नहीं होने से भड़का आक्रोश  

बता दें कि प्रशासन ने कब्जाधारी कबाड़ व्यवसायी को पहले भी 12 अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कबाड़ व्यवसाय निर्बाध रूप से चलता रहा, जिससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश बढ़ता गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध कब्जे से न केवल शासकीय भूमि का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि क्षेत्र में गंदगी और अव्यवस्था भी फैल रही है। 

नागरिकों ने की एकजुटता की मिसाल  

प्रदर्शन में भारी संख्या में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम लंबे समय से इस अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण हमें सड़क पर उतरना पड़ा। अब हम चाहते हैं कि शासकीय भूमि को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाए।"

प्रशासन का आश्वासन, क्या होगा अमल..?  

तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोग इस आश्वासन को लेकर आशंकित हैं, क्योंकि पहले भी प्रशासन की ओर से दी गई समय सीमा का पालन नहीं हुआ। क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस बार कार्रवाई नहीं हुई, तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे।

हाइवे पर जाम से यात्रियों को परेशानी

चक्काजाम के कारण नेशनल हाइवे-43 पर घंटों तक यातायात बाधित रहा। अंबिकापुर से मनेंद्रगढ़ और अन्य क्षेत्रों की ओर जाने वाले वाहन सड़क पर फंस गए। यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। पुलिस ने यातायात को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शन समाप्त होने के बाद ही स्थिति सामान्य हो सकी।