अवैध कोयला पर एक्शन, लेकिन अवैध ईंट भट्ठों पर मौन क्यों........?

अवैध कोयला पर एक्शन, लेकिन अवैध ईंट भट्ठों पर मौन क्यों........?

जनचर्चा में जिला अध्यक्ष की टीम में शामिल कुछ लोग खुद चला रहे हैं अवैध भट्ठे – क्या उन पर भी होगी कार्रवाई.....?

बैकुण्ठपुर। जिले में अवैध कोयला खनन के खिलाफ भाजपा जिला अध्यक्ष ने मोर्चा खोल रखा है। देर रात छापेमारी कर कोल माफियाओं को पकड़ने की मुहिम चल रही है, जिससे प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। लेकिन इस कार्रवाई के बीच एक बड़ा सवाल लोगों के बीच तैर रहा है—क्या अवैध ईंट भट्ठा संचालकों पर भी कार्रवाई होगी....?

टीम में ही शामिल हैं अवैध भट्ठा संचालक...?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में जो टीम जिला अध्यक्ष के साथ नजर आ रही है, उनमें कुछ चेहरे ऐसे हैं जो खुद अवैध ईंट भट्ठों का संचालन कर रहे हैं। ग्राम पुटा, सलका और कई अन्य स्थानों पर इनके अवैध भट्ठे चल रहे हैं, जिनमें बिना अनुमति कोयला जलाया जा रहा है—और वो भी वही अवैध कोयला, जिसके खिलाफ ये अभियान चल रहा है। सवाल साफ है—क्या ये कार्रवाई सिर्फ दिखावा है या सच में निष्पक्षता होगी?

राजस्व और पर्यावरण की हो रही है दोहरी लूट

अवैध ईंट भट्ठे सरकार को लाखों का राजस्व नुकसान पहुंचा रहे हैं। जंगल की लकड़ी, मिट्टी, पानी और चोरी की बिजली का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इससे भू-जल स्तर तेजी से गिर रहा है और पर्यावरण जहरीला होता जा रहा है। लेकिन इन भट्ठों पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

जब कलेक्टर चाहें, तो कार्रवाई होती है..?

कोरिया कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जब जिला कार्यालय के पीछे दर्जनों अवैध भट्ठों की जानकारी पाई, तो तत्काल तहसीलदार और खनिज अधिकारी को मौके पर भेजकर कार्रवाई करवाई। परिणामस्वरूप दर्जनों अवैध ईंट भट्ठे बंद कर दिए गए। यह दिखाता है कि अगर प्रशासन ठान ले, तो अवैध गतिविधियों पर लगाम संभव है।

सत्ताधारी से जुड़ाव बना है सुरक्षा कवच....?

सूत्र बताते हैं कि अवैध भट्ठा संचालकों में कई भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हैं। जब इन पर कार्रवाई की बारी आती है, तो अधिकारियों पर इतना राजनीतिक दबाव बनाया जाता है कि उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। ऐसे में निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद करना बेमानी नहीं है क्या?

कब तक चलेगा दोहरा मापदंड

अगर अवैध कोयले के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो उसी कोयले से जलने वाले अवैध ईंट भट्ठों को क्यों बख्शा जा रहा है...? क्या कानून सिर्फ कुछ लोगों के लिए है...? पर्यावरण, सरकार के राजस्व और स्थानीय संसाधनों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि अब अवैध ईंट भट्ठों पर भी उसी सख्ती से कार्रवाई हो जैसी कोयला माफियाओं पर की जा रही है।