एग्रीस्टैक पोर्टल का पंजीकरण ठप्प, रकबा सत्यापन नया जाल: 'किसान कांग्रेस अध्यक्ष सचेंद्र पाठक का तीखा प्रहार कहा सरकार का षड्यंत्र, धान खरीदी से बचने की चाल'
सूरजपुर । छत्तीसगढ़ के किसानों पर एक के बाद एक नया बोझ,अब धान खरीदी के नाम पर एग्रीस्टैक पोर्टल का पंजीकरण अचानक ठप्प हो गया, हजारों किसान अब भी वंचित। ऊपर से नया नियम - सोसायटियों में रकबा सत्यापन अनिवार्य ।क्या सरकार किसानों पर भरोसा ही खो चुकी है..? नवनियुक्त किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष सचेंद्र पाठक ने इसे 'पूरी तरह षड्यंत्र' करार देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। जमीन से जुड़े युवा नेता पाठक ने कहा, "डिजिटल क्रॉप सर्वे के बाद भी रकबा चेक क्यों.? क्या किसान झूठ बोलकर धान बेच देंगे..? भाजपा सरकार कम खरीदी के लिए तमाम नियमों का सहारा ले रही है"।
किसान कांग्रेस के सूरजपुर इकाई के नए जिलाध्यक्ष सचेंद्र पाठक ने किसानों की पीड़ा को आवाज देते हुए कहा कि एग्रीस्टैक पोर्टल पर तकनीकी खामियां, डेटा गड़बड़ी और खसरा-खतौनी मिलान न होने से लाखों किसान पंजीकरण से महरूम हैं। "पोर्टल बार-बार ठप्प रहता है, किसान परेशान हमारी मांग है - पंजीकरण की तारीख बढ़ाई जाए और जिनका ऑनलाइन नहीं हो पा रहा, उनका सोसायटियों में वैकल्पिक रजिस्ट्रेशन हो।" पाठक ने चेतावनी दी कि अगर जल्द सुधार नहीं हुए, तो किसान आंदोलन सड़कों पर उतर आएंगे।
हैरानी की बात - जिन किसानों ने किसी तरह पोर्टल पर रजिस्टर कर लिया, उनके लिए अब रकबा सत्यापन का नया उलझन सामने आ गया है,पाठक ने सवाल उठाया, "गिरदावरी और डिजिटल सर्वे के बावजूद यह क्यों..? सरकार को किसानों पर शक है या समर्थन मूल्य पर धान खरीदना ही नहीं चाहती..? इस साल 3100 में ही हांफ रही है!" उन्होंने प्रदेशभर के खाद-बीज संकट पर भी चुटकी ली - "दुगुने-तिगुने दामों पर कालाबाजारी चरम पर, लेकिन सरकार चुप!"
किसान नेता पाठक ने साफ कहा, "भाजपा की दुर्भावना साफ है - कठिन नियम बनाकर खरीदी कम करें, किसान मजबूर हों। लेकिन हम किसानों के हक के लिए लड़ेगे!" सूरजपुर के किसान समुदाय में पाठक का यह बयान जोर पकड़ रहा है। क्या सरकार सुनेगी या फिर किसानों की फरियाद अनसुनी रह जाएगी..? जिले के सैकड़ों किसान पाठक के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।