छत्तीसगढ़ के 151 शिक्षक आईआईटी जम्मू में बने तकनीकी योद्धा, ड्रोन से 3डी प्रिंटर तक सीखी नई शिक्षा क्रांति
रायपुर/सूरजपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) को मजबूत करने के लिए छत्तीसगढ़ के 151 विज्ञान व गणित शिक्षकों ने आईआईटी जम्मू में पांच दिवसीय प्रशिक्षण के जरिए नई ऊंचाइयों को छुआ। पीएमश्री स्कूलों के इन 'शिक्षा योद्धाओं' को स्मार्ट क्लास से लेकर ड्रोन तकनीक तक की बारीकियां सिखाई गईं, ताकि ग्रामीण-शहरी बच्चों को डिजिटल शिक्षा का पूरा स्वाद मिल सके। राज्य प्रभारी आशीष गौतम के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यशाला ने शिक्षकों में न केवल आत्मविश्वास जगाया, बल्कि उन्हें प्रमाणपत्र भी थमाए।छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग व समग्र शिक्षा अभियान के निर्देश पर हुई इस ट्रेनिंग में साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्मार्ट लैब, थ्रीडी प्रिंटर, गूगल क्लासरूम, साइबर सिक्योरिटी, साइकोलॉजिकल इंपैक्ट, ड्रोन तकनीक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आधारित कक्षा संचालन जैसे आधुनिक विषयों पर फोकस रहा। शिक्षकों को आईआईटी की अत्याधुनिक लैब का अवलोकन भी कराया गया, जहां वे प्रयोगात्मक शिक्षा की नई दुनिया से रूबरू हुए।पीएमश्री स्कूलों का लक्ष्य ही तो यही है- देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता को चमकाना और हर बच्चे को समान अवसर देना। ये स्कूल अन्य संस्थानों के लिए रोल मॉडल बनेंगे, जहां डिजिटल लर्निंग, ग्रीन कैंपस, खेल-कौशल विकास जैसी सुविधाएं गरीब-मध्यम वर्ग के बच्चों तक पहुंचेंगी। परीक्षा-केंद्रित शिक्षा से हटकर व्यावहारिक ज्ञान पर जोर देने वाली यह पहल छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के 20 पीएमश्री स्कूलों से जुड़ी। सूरजपुर के जयनगर, बत्रा, प्रेमनगर, कोटबा, शिवप्रसादनगर व जशपुर के स्कूलों से चयनित शिक्षक मुस्कान अग्रवाल, विशाल शर्मा, हिमांशु शर्मा, नैन्सी तिर्की, अर्चना ठाकुर, खूबचंद राजवाड़े व लोमेश सिन्हा सहित राज्यभर के प्रतिभागियों ने इसे 'जीवन-परिवर्तक अनुभव' बताया।ट्रेनिंग में आशीष गौतम के अलावा सुब्बा नायडू, दिनेश चतुर्वेदी, संदीप, कल्पना दास, लोकनाथ, अमित, शीतल व श्वेता जैसे विशेषज्ञों की सक्रिय भूमिका रही। कुलमिलाकर यह आयोजन पीएमश्री की उस व्यापक मुहिम का हिस्सा है, जो शिक्षा को समग्र रूप देगी- ज्ञान, कौशल, चरित्र व मूल्यों का संतुलित विकास। राज्य सरकार की यह पहल निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ को शिक्षा के मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगी।