जन्मतिथि सुधार के लिए दर-दर भटक रहा परिवार, जनदर्शन में आवेदन के दो सप्ताह बाद भी नहीं मिली राहत

जन्मतिथि सुधार के लिए दर-दर भटक रहा परिवार, जनदर्शन में आवेदन के दो सप्ताह बाद भी नहीं मिली राहत

सूरजपुर।जिले का जनदर्शन कार्यक्रम आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान करने का दावा करता है, लेकिन भैयाथान विकासखंड के बसकरपारा गांव के अनिल कुमार और उनके परिवार की व्यथा इसकी हकीकत बयां करती है। अपने बेटे हरिश कुमार की जन्मतिथि सुधार के लिए अनिल ने 12 अगस्त 2025 को कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन दिया, लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस लापरवाही ने नन्हे हरिश के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडराने शुरू कर दिए हैं।अनिल बताते हैं कि उनके बेटे की जन्मतिथि दाखिल-खारिज और कक्षा पांचवीं के रिजल्ट में गलती से 05.09.2014 दर्ज हो गई, जबकि आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र में यह 02.08.2016 है। यह छोटी-सी गलती हरिश की पढ़ाई और भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन रही है। अनिल की आवाज में छलकता दर्द साफ झलकता है, हमने सारे दस्तावेज जमा किए, फिर भी कोई सुनवाई नहीं। बच्चे का भविष्य दांव पर है।परिवार ने आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र जैसे मूल दस्तावेज प्रस्तुत किए, लेकिन जिम्मेदार विभाग की उदासीनता ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बहरहाल जनदर्शन, जो ग्रामीणों के लिए आशा की किरण माना जाता है, वहां भी सुनवाई न होने से अनिल जैसे आम लोग हताश हैं। वे कहते हैं, जब जनदर्शन में भी समस्या का समाधान नहीं होगा, तो हम जैसे गरीब लोग कहां जाएं...?अनिल ने जिला प्रशासन से पुनः गुहार लगाई है कि उनके बेटे की जन्मतिथि सुधार कर उनके परिवार को इस अनिश्चितता से मुक्ति दिलाई जाए। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मासूम के भविष्य को बचाने के लिए त्वरित कदम उठाएगा, या यह परिवार दर-दर भटकने को मजबूर रहेगा...?