जीएसटी कार्रवाई के खिलाफ व्यापारियों का हंगामा, नगर बंद को मिला व्यापक समर्थन
व्यापारी संघ ने अवैध वसूली का लगाया आरोप, रैली निकालकर जताया विरोध; कांग्रेस ने भी दिया समर्थन
अम्बिकापुर, 01 जून 2025(ब्रेकिंग अपडेट )। शहर में जीएसटी विभाग की लगातार छापेमारी और कथित अवैध वसूली के खिलाफ व्यापारी संघ का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। रविवार को व्यापारी संघ के आह्वान पर शहर में आयोजित नगर बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही शहर की तमाम दुकानें बंद रहीं, और व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गईं। व्यापारी संघ ने जीएसटी विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि छोटे और मझोले व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस कमेटी सरगुजा का भी पूर्ण समर्थन मिला, जिसने व्यापारियों की मांगों को जायज ठहराया।बहरहाल व्यापारी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर जीएसटी विभाग की ओर से छापेमारी और कथित उत्पीड़न बंद नहीं हुआ, तो वे और उग्र आंदोलन करेंगे। संघ ने मांग की है कि जीएसटी नियमों को सरल किया जाए और छोटे व्यापारियों को राहत दी जाए। दूसरी ओर, शहरवासियों का कहना है कि व्यापारी समुदाय शहर की आर्थिक रीढ़ है, और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान जरूरी है।साथ ही इस घटना ने एक बार फिर जीएसटी व्यवस्था और इसके कार्यान्वयन पर सवाल खड़े किए हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे कर चोरी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कार्रवाइयां निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। फिलहाल यह देखना बाकी है कि सरकार और जीएसटी विभाग इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।
रैली और नारेबाजी के साथ जताया आक्रोश
प्रदर्शन के दौरान व्यापारी संघ ने अग्रसेन चौक से एक विशाल रैली निकाली, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई घड़ी चौक पर समाप्त हुई। रैली में सैकड़ों व्यापारियों ने हिस्सा लिया और जीएसटी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। "हम व्यापारी हैं, चोर नहीं" और "जीएसटी की गुंडागर्दी बंद करो" जैसे नारे गूंजते रहे। व्यापारियों ने जीएसटी विभाग पर अनुचित दबाव और अवैध वसूली का आरोप लगाया। रैली के बाद व्यापारी संघ ने तहसीलदार उमेश सिंह बाज को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें जीएसटी छापेमारी पर रोक लगाने और व्यापारियों को बेवजह परेशान न करने की मांग की गई।
लक्ष्मी ट्रेडर्स में छापेमारी बनी विवाद का केंद्र
विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण बीते दिनों को बिलासपुर रोड स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स में जीएसटी विभाग की छापेमारी थी। व्यापारियों का कहना है कि पिछले छह महीनों में यह तकरीबन तीसरी बार है जब लक्ष्मी ट्रेडर्स को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई के दौरान व्यापारी मौके पर पहुंचे और जीएसटी अधिकारियों के खिलाफ हंगामा किया। व्यापारी संघ का आरोप है कि जीएसटी विभाग चुनिंदा व्यापारियों को टारगेट कर रहा है और अनाप-शनाप पेनाल्टी थोपकर अवैध वसूली कर रहा है।
कांग्रेस का समर्थन, शहरवासियों का साथ
नगर बंद को न केवल व्यापारियों, बल्कि शहरवासियों का भी भरपूर समर्थन मिला। सुबह से ही शहर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा, और दुकानों के शटर बंद रहे। कांग्रेस कमेटी सरगुजा ने व्यापारी संघ के समर्थन में बयान जारी करते हुए कहा, "जीएसटी विभाग की कार्रवाइयां व्यापारियों के लिए उत्पीड़न का कारण बन रही हैं। हम व्यापारियों के साथ खड़े हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं।"
जीएसटी विभाग का पक्ष
वहीं, जीएसटी विभाग ने अपने बचाव में कहा कि कार्रवाइयां नियमों के तहत की जा रही हैं। स्टेट जीएसटी विभाग ने कर अपवंचन के खिलाफ विशेष अभियान के तहत अंबिकापुर की दो प्रमुख फर्मों—मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स—पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये की कर चोरी का खुलासा करने का दावा किया है।बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन: 29 मई 2025 को हुई जांच में पाया गया कि फर्म ने 2017-18 से 2024-25 तक 158 करोड़ रुपये का कारोबार किया, लेकिन नगद कर भुगतान शून्य रहा। जीएसटी पोर्टल पर रिस्क स्कोर 10 होने से कर चोरी की आशंका थी। कोई लेखा-पुस्तक या सॉफ्टवेयर नहीं पाया गया। ई-वे बिल में 2023-24 में 29.50 करोड़ का क्रय और मात्र 50 लाख की आपूर्ति दर्ज की गई, जो बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट और कर-मुक्त बिक्री की ओर इशारा करता है। व्यवसायी ने 40 लाख रुपये का स्वैच्छिक भुगतान स्वीकार किया, लेकिन दस्तावेज जमा नहीं किए।लक्ष्मी ट्रेडर्स में 30-31 मई 2025 की जांच में 96 करोड़ रुपये के कारोबार पर नगण्य कर भुगतान उजागर हुआ। 2023-24 में 11 करोड़ का क्रय और 7 करोड़ की आपूर्ति दिखाई गई। व्यवसायी ने गलती स्वीकारते हुए 17.55 लाख रुपये का स्वैच्छिक भुगतान किया।दोनों मामलों में जांच जारी है। यह कार्रवाई सरकार को हुए राजस्व नुकसान की वसूली और कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।