झीरम घाटी हमला: 12वीं बरसी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री का सनसनीखेज खुलासा, 'नंदकुमार पटेल की हत्या थी सुनियोजित साजिश'

झीरम घाटी हमला: 12वीं बरसी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री का सनसनीखेज खुलासा, 'नंदकुमार पटेल की हत्या थी सुनियोजित साजिश'
झीरम घाटी हमला: 12वीं बरसी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री का सनसनीखेज खुलासा, 'नंदकुमार पटेल की हत्या थी सुनियोजित साजिश'

अम्बिकापुर, 25 मई 2025। छत्तीसगढ़ के बस्तर में 25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेताओं और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस घटना को एक गहरे षड्यंत्र का हिस्सा बताया। उन्होंने दावा किया कि यह हमला केवल नक्सली कार्रवाई नहीं, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल को निशाना बनाने की सुनियोजित साजिश थी। उक्ताशय पर जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अम्बिकापुर के राजीव भवन में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री ने उस काले दिन की घटनाओं को सिलसिलेवार ढंग से बयां करते हुए कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। उन्होंने कहा कि 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान झीरम घाटी में हुए इस हमले में 14 कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की जान चली गई थी। शहीदों में पंडित विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेंद्र शर्मा और दिनेश पटेल जैसे कद्दावर नेता शामिल थे। कुलमिलाकर झीरम घाटी हमले की बरसी पर कांग्रेस नेताओं ने एक बार फिर इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा देने की मांग उठाई। यह हमला न केवल छत्तीसगढ़ की राजनीति, बल्कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय माना जाता है। 

सुरक्षा में चूक और षड्यंत्र की आशंका

टीएस सिंहदेव ने बताया कि परिवर्तन यात्रा के प्रभारी के रूप में वह सुकमा में सभा के बाद अगली तैयारियों के लिए निकल गए थे। इस दौरान पूरे मार्ग पर उन्हें कहीं भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं दिखी, जबकि प्रशासन को रूट की पूरी जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा, "नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना के बावजूद सुरक्षा का अभाव आश्चर्यजनक था। हमले के दौरान नक्सलियों ने नंदकुमार पटेल की पहचान कर उन्हें और उनके पुत्र को जंगल में ले जाकर हत्या की। यह स्पष्ट करता है कि हमला सुनियोजित था और इसका मुख्य लक्ष्य नंदकुमार पटेल थे।"सिंहदेव ने दावा किया कि 2013 के विधानसभा चुनाव में नंदकुमार पटेल का मुख्यमंत्री बनना तय था, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते थे कि वह इस पद तक पहुंचें। उन्होंने इसे एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा करार दिया।

NIA जांच पर सवाल

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने जांच के लिए ऐसे बिंदु तय किए, जो घटना की जड़ तक पहुंचने के बजाय भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने पर केंद्रित थे। "यह तय ही नहीं किया गया कि यह हमला कैसे हुआ, चूक का जिम्मेदार कौन था, और सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी। NIA ने आज तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को नहीं सौंपी, जो कई शंकाओं को जन्म देता है, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि परिवर्तन यात्रा के प्रभारी होने के बावजूद NIA ने उन्हें कभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया, जो उनकी नजर में एक बड़ा सवाल है।

श्रद्धांजलि सभा में नेताओं ने जताया दुख

श्रद्धांजलि सभा में जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने झीरम हमले के राजनीतिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस हमले ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को एक बड़ा नुकसान पहुंचाया। सभा को हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, शैलेंद्र प्रताप सिंह, मदन जायसवाल, अशफाक अली, लोकेश पासवान, मिथुन सिंह और अमित वर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अमित तिवारी ने किया।सभा में शफीक खान, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, अतुल तिवारी, विनोद एक्का, हरभजन भामरा, राशिद अहमद, मेराज गुड्डू, जमील खान, नरेंद्र विश्वकर्मा, संजय सिंह, रजनीश सिंह, निक्की खान, अविनाश कुमार, विकास केशरी, मो. रियाजुल, मो. सिराजुद्दीन, तरणराज बाबरा, सोहन जायसवाल, हनुमान सिंह, बैजनाथ ठाकुर, सावित्री ठाकुर, साधना कश्यप, मंजू सिंह, अमित सिन्हा, राजेश पांडे और कृष्ण मुरारी शर्मा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।