ठेकेदार की प्रताड़ना से युवक ने लगाई फांसी: मजदूरी का पैसा और मोटरसाइकिल छीनी, पिता-पुत्र गिरफ्तार
बलरामपुर। मजदूरी के एक लाख रुपये न देने और मोटरसाइकिल छीनने की घटना ने जय गोविंद मानिकपुरी को इतना परेशान किया कि उसने फांसी लगा ली। पुलिस ने ठेकेदार रामचंद्र मानिकपुरी और उसके पिता रामशरण मानिकपुरी को 16 सितंबर 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दोनों उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के सुंदरी, थाना दुद्धी के निवासी हैं।जांच के अनुसार, जय गोविंद दो साल से रामचंद्र के साथ झांसी के महोवा गांव में राजमिस्त्री का काम कर रहा था। रामचंद्र ने उसकी मजदूरी का एक लाख रुपये नहीं दिया। पैसे मांगने पर उसे डांटकर भगा दिया गया। 30 जुलाई 2025 को जय अपने भाई की मोटरसाइकिल (HF डीलक्स, UP 64 AK 6234) से घर लौट रहा था। रास्ते में कोंगा गांव के पास रामचंद्र के मजदूर असरफी ने उसे रोक लिया और मजदूरी का पैसा मांगा। रामचंद्र ने फोन पर असरफी को जय की मोटरसाइकिल रखने को कहा, जिसे उन्होंने छीन लिया।जय ने रामशरण से मदद मांगी, लेकिन उन्होंने भी झगड़ा किया। 31 जुलाई को रामशरण ने जय के घर जाकर उसे धमकी दी । डर और प्रताड़ना से तंग आकर जय ने उसी रात अपने घर में प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगा ली। पोस्टमॉर्टम में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई।थाना सनावल में मर्ग क्रमांक 33/2025 के तहत जांच शुरू हुई। गवाहों और प्रार्थी के बयानों के आधार पर रामचंद्र और रामशरण के खिलाफ धारा 108, 309(2), 3(5) भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया। थाना प्रभारी गजपति मर्रे, सहायक उपनिरीक्षक गोटिया राम मरावी, आरक्षक अमृत सोनवानी और प्रविंद्र कुजूर ने घटनास्थल का निरीक्षण कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया।