तहसील कार्यालय में पेशी के दौरान रिटायर्ड शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत
अम्बिकापुर। जिले के बतौली तहसील कार्यालय में गुरुवार को लिंक कोर्ट में पेशी के लिए आए रिटायर्ड शिक्षक सहदेव पैकरा की हार्ट अटैक से दुखद मृत्यु हो गई। वे अपनी प्रकरण की बारी का इंतजार करते हुए कोर्ट परिसर में कुर्सी पर बैठे थे, तभी अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। परिजनों ने आनन-फानन में उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, ग्राम सरमना निवासी सहदेव पैकरा का जमीन बंटवारे का प्रकरण पिछले चार वर्षों से बतौली तहसील में चल रहा था। गुरुवार को एसडीएम नीरज कौशिक की लिंक कोर्ट में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई हो रही थी। इसी सिलसिले में सहदेव सुबह 11 बजे तहसील कार्यालय पहुंचे थे। दोपहर करीब 1 बजे, अपनी बारी का इंतजार करते हुए वे कोर्ट परिसर में कुर्सी पर बैठे थे। अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वे बेहोश होकर गिर गए। परिसर में मौजूद लोगों ने तुरंत उनके परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बतौली में भर्ती कराया, लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद उनकी मृत्यु की पुष्टि की।
मृतक के नाती जय पैकरा ने बताया कि उनके दादा लंबे समय से जमीन बंटवारे के प्रकरण को लेकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे थे। गुरुवार को भी वे नियमित सुनवाई के लिए तहसील कार्यालय आए थे। जय ने बताया कि दादा स्वस्थ दिख रहे थे, लेकिन अचानक हुई इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। वहीं दूसरी तरफ घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना तहसील कार्यालय में मौजूद अन्य लोगों के लिए भी स्तब्धकारी रही। परिसर में मौजूद कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सहदेव पैकरा शांत स्वभाव के व्यक्ति थे और नियमित रूप से अपने प्रकरण की सुनवाई के लिए तहसील कार्यालय आते थे। उनकी अचानक मृत्यु से क्षेत्र में शोक की लहर है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने तहसील कार्यालय में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं की कमी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि यदि परिसर में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होती, तो शायद समय रहते उनकी जान बचाई जा सकती थी। फिलहाल, पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच में जुटे हैं।