दीक्षारंभ में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी, अम्बिकापुर महाविद्यालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

दीक्षारंभ में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी, अम्बिकापुर महाविद्यालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
दीक्षारंभ में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी, अम्बिकापुर महाविद्यालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

अम्बिकापुर। शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 31 जुलाई को आयोजित दीक्षारंभ कार्यक्रम अब शिक्षा जगत से ज्यादा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नवप्रवेशित छात्राओं के लिए आयोजित इस गरिमामय आयोजन में न तो किसी जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया और न ही जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष या सदस्यों की उपस्थिति दर्ज की गई। इस उपेक्षा ने महाविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उक्ताशय पर प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार को सुबह 11:30 बजे महाविद्यालय के रूसा भवन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को उच्च शिक्षा, पाठ्यक्रम, मूल्य आधारित शिक्षा और सर्वांगीण विकास के लिए मार्गदर्शन देना था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी विशाल गुप्ता ने आयोजन की बागडोर संभाली, जबकि प्राचार्य डॉ. एजेन टोप्पो की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ। लेकिन स्थानीय विधायक, पार्षद या जनभागीदारी समिति के सदस्यों की अनुपस्थिति ने आयोजन की चमक को फीका कर दिया।

स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसे जनप्रतिनिधियों की “अनदेखी” के रूप में देखा जा रहा है। अम्बिकापुर की मेयर और जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष श्रीमती मंजूषा भगत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, “यह प्राचार्य की मनमानी है। हमें आयोजन की कोई सूचना नहीं दी गई। शहर की प्रथम नागरिक होने के नाते यह उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” मेयर ने प्राचार्य के खिलाफ लिखित शिकायत करने और सरगुजा कलेक्टर को मामले से अवगत कराने की बात कही है।

शिक्षाविदों और अभिभावकों का भी मानना है कि पूर्व में ऐसे आयोजनों में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से छात्रों को प्रेरणा और संस्थान को जनसहयोग मिलता रहा है। इस बार आमंत्रण न भेजे जाने से लोकतांत्रिक सहभागिता की कमी ने आयोजन की उपलब्धियों पर सवाल उठा दिए हैं। यह चूक थी या जानबूझकर की गई अनदेखी, यह अब चर्चा व जांच का विषय बन गया है।