पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि, मंत्री श्रीमती राजवाड़े की संवेदनशील उपस्थिति ने बांधा सभा में समां

पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि, मंत्री श्रीमती राजवाड़े की संवेदनशील उपस्थिति ने बांधा सभा में समां
पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि, मंत्री श्रीमती राजवाड़े की संवेदनशील उपस्थिति ने बांधा सभा में समां

अम्बिकापुर, 05 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कवि और पद्मश्री सम्मानित डॉ. सुरेन्द्र दुबे की स्मृति में सरगुजा सिने आर्ट एसोसिएशन द्वारा अम्बिकापुर के गांधी स्टेडियम स्थित भारतेंदु भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा ने सभी के दिलों को छू लिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की संवेदनशील और प्रेरक उपस्थिति ने सभा को और भी मार्मिक बना दिया। उनकी आंखों में नम श्रद्धा और हृदय में डॉ. दुबे के प्रति गहरी कृतज्ञता के साथ उन्होंने कवि की साहित्यिक विरासत को नमन किया।श्रीमती राजवाड़े ने अपने भावपूर्ण संबोधन में कहा, "डॉ. सुरेन्द्र दुबे सिर्फ एक कवि नहीं, बल्कि समाज के प्रेरक मार्गदर्शक थे। उनकी हास्य-व्यंग्य भरी कविताएं हंसी के साथ-साथ गहरी सोच और सामाजिक चेतना का संदेश देती थीं। उनके शब्दों में वह जादू था, जो लोगों के दिलों को जोड़ता था और समाज को बेहतर बनाने की प्रेरणा देता था। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी एक गहरी क्षति है, क्योंकि उनकी रचनाओं ने मुझे हमेशा जीवन में सकारात्मकता की राह दिखाई।"

उनकी आवाज में गहरा दर्द और सम्मान साफ झलक रहा था, जिसने उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया।मंत्री ने यह भी वचन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार साहित्य, संस्कृति और भाषा के संरक्षण के लिए कटिबद्ध है और डॉ. दुबे जैसे महान साहित्यकारों की स्मृति को जीवित रखने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उनकी यह संवेदनशील प्रतिबद्धता ने सभा में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के मन में आशा और सम्मान का भाव जगा दिया।सभा में अंबिकापुर नगर निगम सभापति हरमिंदर सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक जितेंद्र शर्मा, बलरामपुर जिला प्रचारक आत्म शरण उपाध्याय सहित कई गणमान्य व्यक्तियों और साहित्य प्रेमियों ने भी डॉ. दुबे को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सभा का संचालन अधिवक्ता श्री जयेश वर्मा ने संवेदनशीलता के साथ किया।कार्यक्रम के दूसरे चरण में आयोजित काव्य गोष्ठी में सरगुजा के प्रख्यात कवियों जैसे देवेंद्र नाथ दुबे, सपन सिन्हा, संतोष दास सरल, डॉ. योगेंद्र सिंह गहरवार, विनोद हर्ष, श्रीमती अनिता मंदिलवार, पूनम दुबे और अन्य लोगों ने मार्मिक काव्यपाठ किया, जिसने उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया। शहर के स्कूलों, साहित्यिक और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर डॉ. दुबे की स्मृति को सादर नमन किया।श्रीमती राजवाड़े की मानवीय संवेदना और उनकी भावपूर्ण उपस्थिति ने इस आयोजन को न केवल एक श्रद्धांजलि सभा बनाया, बल्कि यह डॉ. सुरेन्द्र दुबे के प्रति सच्ची श्रद्धा और उनके साहित्यिक योगदान के प्रति सामूहिक सम्मान का प्रतीक बन गया।