फर्जी वन अधिकार पत्र का मामला गरमाया, ग्रामीणों ने दी चक्काजाम की चेतावनी
सूरजपुर, 27 मई 2025। ग्राम पंचायत रामेश्वरपुर में फर्जी वन अधिकार पत्रों का मामला तूल पकड़ रहा है। कलेक्टर जनदर्शन में ग्रामीणों ने एकजुट होकर आवेदन सौंपा, जिसमें 13 व्यक्तियों पर फर्जी वन अधिकार पत्र हासिल करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इनके खिलाफ तत्काल जांच कर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए, अन्यथा वे प्रतापपुर रोड पर चक्काजाम और धरना-प्रदर्शन करेंगे।आवेदन में बताया गया कि रामेश्वरपुर, जो जनपद पंचायत सूरजपुर के अंतर्गत आता है, में वन अधिकार पत्र प्राप्त करने के लिए कुछ लोगों ने कम्पार्टमेंट पीएफ 2558 की प्राकृतिक वन संपदा को योजनाबद्ध तरीके से नष्ट किया। इनमें से कई लोगों को वन विभाग ने पहले ही अपराधी ठहराते हुए जेल भेजा था। पूर्व में ग्राम पंचायत छत्तरपुर (आश्रित ग्राम रामेश्वरपुर) में वन अधिकार के तहत केवल दो व्यक्तियों, रतन राम और शुबलाल, को ही पात्र माना गया था, जिन्हें वन समिति के अनुमोदन के बाद वन अधिकार पत्र जारी किए गए। हालांकि, ग्रामीणों ने दावा किया कि संलग्न सूची में शामिल 13 व्यक्तियों को अपात्र घोषित किया गया था, फिर भी उन्हें फर्जी तरीके से वन अधिकार पत्र दे दिए गए। ग्रामीणों ने इस सूची की छायाप्रति कलेक्टर को सौंपते हुए मांग की है कि इन फर्जी पट्टों की जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। आवेदन में साफ चेतावनी दी गई है कि यदि एक सप्ताह के भीतर इस मामले में जांच और उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामवासी प्रतापपुर रोड पर चक्काजाम और धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन पर डालते हुए कहा कि यह कदम उनकी मजबूरी होगी। बहरहाल यह मामला अब जिले में चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों की एकता और उनकी कड़ी चेतावनी ने प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए दबाव में ला दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या ग्रामीणों की मांग पूरी होगी, या यह विवाद और गहराएगा।इस दरम्यान ज्ञापन सौपने रामऔतार वन अधिकार समिति अध्यक्ष गुलाब चेरवा पूर्व उपसरपंच, लालसाय चेरवा सरपंच, देवमती उपसरपंच, मोहित, प्रेमसाय अगरीया अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।