मानव तस्करी और दुष्कर्म के मुख्य आरोपी इमरान अंसारी झारखंड से गिरफ्तार, सरगुजा पुलिस की बड़ी कामयाबी

मानव तस्करी और दुष्कर्म के मुख्य आरोपी इमरान अंसारी झारखंड से गिरफ्तार, सरगुजा पुलिस की बड़ी कामयाबी

अम्बिकापुर । सरगुजा पुलिस ने मानव तस्करी और दुष्कर्म के सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी इमरान अंसारी को झारखंड के रंका से गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आईपीएस श्री राजेश कुमार अग्रवाल के निर्देशन में मणिपुर थाना पुलिस ने इस मामले में पहले ही पीड़िता को बरामद कर सात अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई मानव तस्करी के जाल को तोड़ने और अपराधियों के खिलाफ सख्ती बरतने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

झांसे में लेकर बेच दी गई थी पीड़िता  

मामला 21 जून 2025 को मणिपुर थाने में दर्ज शिकायत से शुरू हुआ, जब प्रार्थिया ने अपनी चचेरी बहन के अपहरण और तस्करी की रिपोर्ट दर्ज की। पीड़िता, जो काम की तलाश में अंबिकापुर आई थी, होटल में वेटर का काम कर रही थी। इस दौरान उसकी मुलाकात इमरान अंसारी से हुई, जिसने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में इमरान ने पीड़िता को अपने भाई काबिल अंसारी और भाभी हीना के पास चठिरमा भेज दिया। काबिल, उसकी पत्नी हीना और रामेश्वरी सोनवानी ने मिलकर पीड़िता को बेहतर नौकरी का लालच देकर उत्तर प्रदेश के औरैया ले जाकर एक लाख रुपये में बेच दिया। वहां सुमित राठौर और उसके पिता राकेश राठौर ने पीड़िता से जबरन शादी कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।

सरगुजा पुलिस की त्वरित कार्रवाई 

एसएसपी के निर्देश पर पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता को औरैया से बरामद किया और काबिल अंसारी, हीना, रामेश्वरी सोनवानी, सुरेंद्र कुशवाहा, सकील खान, सुमित राठौर और राकेश राठौर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह संगठित तरीके से मानव तस्करी में लिप्त था। आरोपियों ने पीड़िता को शादी के बहाने बेचने की साजिश रची थी, जिसमें 40,000 रुपये रामेश्वरी को दिए गए, जबकि शेष राशि अन्य आरोपियों ने आपस में बांट ली। 

मुख्य आरोपी इमरान की गिरफ्तारी  

मामले का मुख्य आरोपी इमरान अंसारी घटना के बाद से फरार था। पुलिस ने तकनीकी जानकारी और सतत प्रयासों से उसे झारखंड के रंका से धर दबोचा। पूछताछ में इमरान ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 137(2), 140(3), 142, 144(2), 64(2)(ड), 69 के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है।

बरामद सामग्री और पुलिस टीम की भूमिका  

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 3,100 रुपये नकद, पांच मोबाइल फोन और अन्य साक्ष्य बरामद किए। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी मणिपुर अश्वनी सिंह, सहायक उप निरीक्षक धीरज गुप्ता, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान, विकास सिन्हा, महिला आरक्षक सुमन कश्यप, आरक्षक सत्येंद्र दुबे, अनिल सिंह, पवन यादव, रमेश राजवाड़े, ऋषभ सिंह और समीर तिर्की की सक्रिय भूमिका रही।

सरगुजा पुलिस की सख्ती का संदेश  

एसएसपी आईपीएस श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह मामला मानव तस्करी और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जनता से अपील की गई है कि ऐसी घटनाओं की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि अपराधियों को बख्शा न जाए।