रात के अंधेरे में भटकती विक्षिप्त महिला को मिला सुरक्षित आश्रय:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस और जागरूक नागरिकों के दिल छू लेने वाले समन्वय से सखी वन स्टॉप सेंटर में मिली महिला को नई उम्मीद

रात के अंधेरे में भटकती विक्षिप्त महिला को मिला सुरक्षित आश्रय:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस और जागरूक नागरिकों के दिल छू लेने वाले समन्वय से सखी वन स्टॉप सेंटर में मिली महिला को नई उम्मीद

सूरजपुर। जब रात का अंधेरा गहरा रहा था और सर्द हवाएं ठिठुरन पैदा कर रही थीं, तब सूरजपुर में मानवता की गर्माहट ने एक असहाय विक्षिप्त महिला को नया जीवन दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), पुलिस और स्थानीय नागरिकों के संवेदनशील प्रयासों ने मिलकर एक ऐसी कहानी लिखी, जो दिल को छू लेती है। शनिवार देर रात एक व्हाट्सएप संदेश ने इस मानवीय मिशन की शुरुआत की, और रविवार रात तक एक भटकती महिला को सखी वन स्टॉप सेंटर में सुरक्षित आश्रय मिल गया।

व्हाट्सएप से जगी उम्मीद की किरण

शनिवार रात एक स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप पर ग्राम उमापुर में भटकती एक अज्ञात विक्षिप्त महिला की तस्वीर और सूचना साझा की गई। DLSA के अधिकार मित्र सत्य नारायण ने इस संदेश को देखते ही इसे एक इंसान की जिंदगी बचाने का अवसर समझा और तुरंत सचिव कु. पायल टोपनो को सूचित किया। कु. टोपनो ने मानवता को सर्वोपरि मानते हुए बिना देर किए इस संवेदनशील मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

मोरगा में मिली, रात 8 बजे बनी नई शुरुआत

पूरे दिन की खोजबीन के बाद रविवार रात 8 बजे ग्राम मोरगा के जागरूक नागरिक पिंटू राजवाड़े ने बताया कि वही महिला उनके गांव में भटक रही है। यह सुनते ही कु. पायल टोपनो ने समय को नजरअंदाज कर मानवीय संवेदना के साथ तत्काल रेस्क्यू का आदेश दिया। उनका यह निर्णय उस असहाय महिला के लिए जीवन रक्षक साबित हुआ।

पुलिस और DLSA का दिल जीतने वाला समन्वय

रामानुजनगर पुलिस ने इस मिशन में अपनी संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय दिया। थाना प्रभारी एल. लकड़ा और एएसआई मनोज कुमार पोर्ते ने तुरंत रेस्क्यू टीम गठित की। अधिकार मित्र सत्य नारायण, आशा गोंड, प्रधान आरक्षक राम जनत और आरक्षक गणेश सिंह ने रात के अंधेरे में मोर्चा संभाला और महिला को सुरक्षित सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया।

सखी सेंटर: एक नया ठिकाना, एक नई उम्मीद

सखी वन स्टॉप सेंटर में महिला को न केवल सुरक्षित आश्रय मिला, बल्कि उसकी चिकित्सा और देखभाल भी शुरू हुई। ठंडी रात में भटक रही उस महिला के लिए यह आश्रय किसी चमत्कार से कम नहीं था। अब वह सुरक्षित है, और उसकी देखभाल में लगे लोग उसे एक नई शुरुआत देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सूरजपुर की मानवता बनी मिसाल

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर के मार्गदर्शन और DLSA सचिव कु. पायल टोपनो की संवेदनशील नेतृत्व में सूरजपुर ने साबित कर दिया कि मानवता की ताकत हर अंधेरे को रोशनी में बदल सकती है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन न केवल एक महिला की जिंदगी बचाने की कहानी है, बल्कि पुलिस, प्रशासन और जागरूक नागरिकों के बीच उस अटूट विश्वास की मिसाल है, जो समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सहारा देता है।