समझौते से सरपंचों का चक्का जाम रुका: लंबे समय से चला आ रहा जनपद पंचायत सीईओ विवाद भी सुलझने की ओर

समझौते से सरपंचों का चक्का जाम रुका: लंबे समय से चला आ रहा जनपद पंचायत सीईओ विवाद भी सुलझने की ओर
समझौते से सरपंचों का चक्का जाम रुका: लंबे समय से चला आ रहा जनपद पंचायत सीईओ विवाद भी सुलझने की ओर

सूरजपुर 20 सितंबर 2025। जिले की जनपद पंचायत प्रतापपुर, जो लंबे अरसे से सरपंच संघ और प्रशासन के बीच तनाव की वजह से सुर्खियों में छाई हुई थी, आज एक सकारात्मक मोड़ ले चुकी है। तथाकथित रूप से सीईओ के मनमाने रवैये और विकास कार्यों में बाधा को लेकर चले आ रहे विवाद ने सरपंचों को 23 सितंबर को चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी , लेकिन संयुक्त बैठक में हुए समझौते ने इसे स्थगित कर दिया। बार-बार के धरना-प्रदर्शनों से पंचायत के विकास कार्य ठप्प हो रहे थे, अब शांति की यह पहल ग्रामीणों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।बैठक जनपद सभा कक्ष में आयोजित हुई, जहां प्रशासन की ओर से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्रीमती ललिता भगत, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अनूप एक्का, तहसीलदार प्रतापपुर चंद्रशिला जायसवाल, थाना प्रभारी अमित कौशिक और तहसीलदार मुकेश दास मौजूद रहे। सरपंच संघ की ओर से अध्यक्ष नंददेव सिंह केराम, जिला पंचायत सदस्य सुरेश केराम, पूर्व सरपंच त्रिभुवन सिंह टेकाम, छोटेलाल तिर्की और जनपद सदस्य उपस्थित थे। बैठक में दोनों पक्षों ने खुलकर बात की और समझौते पर मुहर लगाई। कुलमिलाकर यह समझौता न सिर्फ चक्का जाम को टाल गया, बल्कि लंबे विवाद को समाप्त करने की ओर इशारा करता है। ग्रामीणों में खुशी की लहर है, क्योंकि धरना-प्रदर्शन से सड़कें जाम होती थीं तो विकास के फंड अटक जाते थे। अब उम्मीद है कि प्रतापपुर जनपद क्षेत्र की पंचायतें फिर से 'विकास का केंद्र' बनेंगी।