5 मिनट की देरी… और शिक्षिका का पारा आसमान पर:11वीं के छात्रों के बस्ते खेत में फेंके — अनुशासन या अपमान..? शिक्षा व्यवस्था पर खड़े हुए गंभीर सवाल

5 मिनट की देरी… और शिक्षिका का पारा आसमान पर:11वीं के छात्रों के बस्ते खेत में फेंके — अनुशासन या अपमान..? शिक्षा व्यवस्था पर खड़े हुए गंभीर सवाल

सूरजपुर । जिले की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर से शर्मसार हुई है। एक महिला व्याख्याता ने मात्र पांच मिनट की देरी पर गुस्से से भड़कते हुए 11वीं कक्षा के छात्रों के बस्ते क्लासरूम से बाहर निकालकर खेत में फेंक दिए। यह घटना शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मजीरा में घटी, जहां कक्षा की कमी के चलते कुछ कक्षाएं 100 मीटर दूर प्राथमिक-माध्यमिक शाला में चलाई जाती हैं। अभिभावक और ग्रामीण आक्रोशित हैं, जिला शिक्षा अधिकारी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार दिनांक 27 नवंबर 2025 को सुबह की कक्षा में 11वीं के छात्र-छात्राएं थोड़ी देरी से पहुंचे। क्लास में घुसते ही उन्हें अपने बस्ते नजर नहीं आए। हैरान बच्चे प्राथमिक शाला के छोटे बच्चों से पूछताछ करने लगे। छोटे बच्चों ने कच्चे शब्दों में खुलासा किया- अंग्रेजी पढ़ाने वाली अनुराधा मैम ने गुस्से में बस्ते उठाकर कैंपस के बाहर खेत में फेंक दिए। यह सुनकर छात्र-छात्राएं प्राचार्य के पास पहुंचे। प्राचार्य से शिकायत पर शिक्षिका ने साफ इनकार कर दिया। लेकिन जब 11वीं के लड़के-लड़कियों ने प्राचार्य के सामने ही प्राइमरी के बच्चों को बुलाकर पूछताछ की, तो सच्चाई खुलकर सामने आ गई। छोटे बच्चों ने दोबारा पुष्टि की कि मैम ने ही यह कृत्य किया।घटना से आक्रोशित 11वीं की एक छात्रा के पिता बबलू सिन्हा ने फोन पर बातचीत में कहा, यह विद्या का अपमान है, बच्चों का अपमान है। ऐसे व्यवहार से मां-बाप और गांववासी आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जिले में शिक्षकों की मनमानी चरम पर है, जो न केवल पढ़ाई का माहौल बिगाड़ रही है, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास को भी चूर-चूर कर रही है।प्राचार्य से संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने स्वीकार किया कि बस्ते फेंके जाने की बात सामने आई है, शिक्षिका इनकार कर रही हैं, लेकिन बच्चे आरोप लगा रहे हैं। इतना कहते ही फोन काट दिया। जिले में लगातार ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं- शिक्षकों का रवैया अपमानजनक, व्यवस्था चरमरा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी को अब गंभीरता से कदम उठाने होंगे, वरना शिक्षा का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। क्या होगा इस घटना का हल...? अभिभावक चुप नहीं बैठेंगे।