अजय चतुर्वेदी को 'पदुमलाल पुन्नालाल बख्सी' स्मृति पुरस्कार, सरगुजा संभाग में रचा इतिहास

अजय चतुर्वेदी को 'पदुमलाल पुन्नालाल बख्सी' स्मृति पुरस्कार, सरगुजा संभाग में रचा इतिहास

राज्यपाल ने राजभवन में किया सम्मानित, शिक्षा और साहित्य में उल्लेखनीय योगदान

सूरजपुर। जिले के प्रतापपुर विकास खंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरहरी के व्याख्याता अजय कुमार चतुर्वेदी ने सरगुजा संभाग का नाम रोशन किया है। शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में उन्हें 'डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्सी' स्मृति पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। महामहिम राज्यपाल रमेन डेका ने उन्हें शाल, मोमेंटो, 50 हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव भी उपस्थित थे।  

सरगुजा संभाग के पहले व्याख्याता  

अजय चतुर्वेदी सरगुजा संभाग के पहले व्याख्याता हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित स्मृति पुरस्कार प्राप्त हुआ। शिक्षा, साक्षरता, संस्कृति, खेल, शोध और साहित्य लेखन में उनके उल्लेखनीय योगदान ने उन्हें इस सम्मान का हकदार बनाया। बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम, पौधरोपण, योग शिविर, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम, छत्तीसगढ़ की दुर्लभ पांडुलिपियों और लोकवायों की खोज, पुरातात्विक शोध, और मातृभाषा संरक्षण में उनके कार्य अनुकरणीय हैं।  

साहित्य और शोध में गहरी पैठ  

श्री चतुर्वेदी की लेखनी ने कक्षा 3 से 5 तक की हिंदी, सरगुजिहा और संस्कृत की पाठ्यपुस्तकों को समृद्ध किया है। उनकी रचना “माता राजमोहनी देवी” की जीवनी कक्षा 5 की पाठ्यपुस्तक में शामिल है। 2022-23 में उनकी लघु कहानी “लालच का फल” को SCERT रायपुर ने 16 स्थानीय बोलियों में प्रकाशित किया। अब तक उनकी 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें सरगुजा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित एक पुस्तक भी शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने 52 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।  

लोक संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की खोज  

आकाशवाणी अम्बिकापुर, रायपुर, भोपाल और दिल्ली से उनके लेख, कविताएँ, कहानियाँ और शोध कार्यों का प्रसारण हो चुका है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत उन्होंने 40 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध कर पुस्तक लेखन किया। लोक साहित्य, लोक गीत, और लोक वाद्य यंत्रों के संरक्षण में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है।  

पुरस्कारों से भरा गौरवशाली सफर  

अजय चतुर्वेदी को 2010 में राज्यपाल द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार सहित 13 शासकीय और 12 अशासकीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। इनमें जिला युवा पुरस्कार (1994, 2000), छत्तीसगढ़ी राजभाषा सम्मान (2012, 2016, 2023), राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव सम्मान (2022), और छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान (2022) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।