ग्रेडर की लापरवाही से 3 साल के मासूम की दर्दनाक मौत, दादा घायल: सड़क निर्माण में सुरक्षा के नाम पर सवाल

ग्रेडर की लापरवाही से 3 साल के मासूम की दर्दनाक मौत, दादा घायल: सड़क निर्माण में सुरक्षा के नाम पर सवाल
ग्रेडर की लापरवाही से 3 साल के मासूम की दर्दनाक मौत, दादा घायल: सड़क निर्माण में सुरक्षा के नाम पर सवाल

बलरामपुर । सनवाल-त्रिशूली मार्ग पर चल रहे सड़क निर्माण के दौरान सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की निगरानी में ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे काम में ग्रेडर चालक की लापरवाही से एक 3 साल के मासूम बच्चे की मौके पर ही जान चली गई, जबकि उसके दादा गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना ने त्रिशूली गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है, जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने विभाग की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

घर लौटते वक्त हुआ भयानक हादसा

जानकारी के मुताबिक, त्रिशूली गांव के रहने वाले नंदलाल गुप्ता (45 वर्ष) अपनी मां लालो देवी (65 वर्ष) और नाती आकर्ष (3 वर्ष) के साथ उत्तर प्रदेश के घघरा से लौट रहे थे। घर से महज एक किलोमीटर दूर गंगा पंडो के घर के पास सड़क निर्माण का काम जोर-शोर से चल रहा था। नंदलाल ने ग्रेडर मशीन को देखते ही बाइक रोक दी और मशीन के हटने का इंतजार करने लगे। लेकिन चालक राजेश जायसवाल ने लापरवाही बरतते हुए ग्रेडर को पीछे किया। प्रत्यक्षदर्शी इब्राहिम और महेंद्र साव ने चिल्लाकर चालक को रोकने की कोशिश की, मगर वह बेपरवाह रहा। ग्रेडर सीधे नंदलाल और उनके पोते पर चढ़ गया।

स्थानीय लोगों ने फौरन उन्हें मशीन के नीचे से बाहर निकाला, लेकिन आकर्ष की सांसें थम चुकी थीं। नंदलाल का पैर बुरी तरह टूट गया। उन्हें तुरंत सनवाल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। बच्चे की मौत की खबर फैलते ही गांव में सन्नाटा छा गया। परिजन आकर्ष के शव को देखकर फूट-फूटकर रो पड़े।

चालक फरार, 304-ए के तहत केस दर्ज

सनवाल थाना प्रभारी गजपति मिर्रे ने बताया कि ग्रेडर चालक राजेश जायसवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। चालक घटना के बाद फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। प्रभारी ने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

विभाग पर उठे सवाल: सुरक्षा के नाम पर जीरो इंतजाम

हादसे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर तीखे सवाल खड़े किए। चालू सड़क पर बिना किसी सुरक्षा उपाय के निर्माण कार्य कराया जा रहा था। न तो चेतावनी के बोर्ड लगे थे, न ही डायवर्टर साइनबोर्ड या सुरक्षा गार्ड तैनात थे। ग्रामीणों ने ठेकेदार और जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की जोरदार मांग की। एक ग्रामीण ने कहा, "ये सड़क बन रही है या मौत का जाल बिछा रहा है....? मासूम की जान चली गई, अब जिम्मेदार कौन....?"

विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस मार्ग पर सड़क निर्माण का काम ठेके पर चल रहा है, लेकिन सुरक्षा मानकों का पालन न होने की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं। हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या विभाग की नींद कभी टूटेगी...?