चना तो मिला नहीं... सिस्टम ने अंगूठा जरूर लगवा लिया,मृतकों के नाम पर उठाव, करीब 663 लाभार्थी छले गए...
करीब 67 क्विंटल चावल भी गायब,बड़सरा में खाद्यान्न घोटाले का भंडाफोड़, ग्रामीण बोले– "पेट पर डाका डालने वालों को बख्शेंगे नहीं"
सूरजपुर/भैयाथान।गरीबों के हक का अनाज आखिर गया कहां...? सवाल सिर्फ चने का नहीं, सवाल भूख और भरोसे का है। दरअसल बीते दिनों भैयाथान ब्लॉक के ग्राम पंचायत बड़सरा में खाद्य विभाग की जांच से जुड़ी जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आने पर ऐसा चौंकाने वाला हुआ है, जिससे पूरा राशन वितरण तंत्र कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है। बहरहाल यह सिर्फ बड़सरा का मामला नहीं है... यह कहानी है हर उस गांव की, जहां सिस्टम से ज्यादा मजबूत होता है जुगाड़।
फर्ज़ी वितरण का पर्दाफाश – "पौस मशीन में अंगूठा, थाली में खाली"
सूत्रों की मानें तो खाद्य विभाग की टीम ने जब बड़सरा की सरकारी राशन दुकान पर छापा मारा, तो खुलासा हुआ कि अप्रैल माह में 663 ग्रामीणों के नाम पर चना वितरण दर्ज किया गया, जबकि हकीकत में न चना आया, न किसी को मिला।लाभार्थियों का अंगूठा पौस मशीन पर लगवाया गया, लेकिन चना किसी ने देखा तक नहीं।गांव वालों ने एक स्वर में कहा – "हमें अप्रैल से आज तक एक दाना चना नहीं मिला है।"
सबसे बड़ा सवाल – जब चना का आवंटन ही नहीं हुआ, तो वितरण कैसे दिखाया गया...?
सूत्रों की मानें तो जांच में साफ हुआ कि अप्रैल में दुकान को चना आवंटित ही नहीं हुआ था, इसके बावजूद ऑनलाइन सिस्टम में वितरण दिखा दिया गया। कुलमिलाकर यह तकनीकी गड़बड़ी नहीं, सुनियोजित घोटाला है। सिस्टम का दुरुपयोग कर गरीबों का हिस्सा डकार लिया गया।
67 क्विंटल चावल भी रहस्यमय ढंग से गायब
सूत्रों की मानें तो पूर्व संचालक विश्वनाथ ने बताया कि उन्होंने दुकान छोड़ते समय 67 क्विंटल चावल वर्तमान संचालक रामनारायण राजवाड़े को सौंपा था, लेकिन उसका कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है।इस पर भी अब सवाल उठ रहा है – कहां गया ये चावल..? क्या यह भी फर्जी वितरण की भेंट चढ़ गया..?
सबसे शर्मनाक खुलासा – मृतकों के नाम पर उठाया राशन!
सूत्रों ने बताया है कि जांच का सबसे हिला देने वाला पहलू यह रहा कि मृत व्यक्तियों के नाम पर भी राशन उठाया गया।बाबूलाल, जिनकी मां दो साल पहले गुजर चुकी हैं, ने बताया कि मां के कार्ड से राशन उठाया गया, और उनका अंगूठा लगवाकर फर्जी तरीके से पांच महीने तक खाद्यान्न लिया गया।बाबूलाल ने जब चना नहीं मिलने की शिकायत की, तब उन्हें यह जानकारी मिली।संचालक ने अपनी गलती मानी और जांच टीम के सामने लिखित में स्वीकार किया।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा – "भूखे रह सकते हैं, लेकिन अन्याय सहन नहीं करेंगे"
गांव में आक्रोश साफ नजर आ रहा है। महिलाएं, बुजुर्ग, मजदूर – सभी एक सुर में कह रहे हैं, "हमें राशन नहीं मिला, लेकिन रिकॉर्ड में बांट दिया गया।हमारा हक मारने वालों को सजा मिलनी चाहिए। अब चुप नहीं बैठेंगे।"
पंचनामा तैयार, दस्तावेज जब्त – क्या बड़े अधिकारी भी जांच के घेरे में आएंगे...?
सूत्रों की मानें तो खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर ही दस्तावेज जब्त कर पंचनामा तैयार किया।जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है, और सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है। इसके साथ ही सूत्रों का दावा है कि इस घोटाले की जड़ें ऊंचे स्तर तक फैली हो सकती हैं, और आने वाले दिनों में बड़े नाम सामने आ सकते हैं।अब सवाल जनता का – क्या सचमुच होगी कार्रवाई या फिर यह मामला भी दफ्न हो जाएगा...? इसके साथ ही सवाल खड़े हो रहे हैं कि पिछले कई सालों में ऐसे मामलों में जांच तो हुई, लेकिन सजा कितनों को मिली...?
अब बड़सरा के ग्रामीण यह जानना चाहते हैं –
"क्या हमारे साथ फिर से विश्वासघात होगा..? या इस बार दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा...?