जीएसटी छापे के खिलाफ व्यापारियों का हल्ला बोल, 1 जून को शहर बंद का ऐलान, कांग्रेस ने दिया समर्थन
अंबिकापुर, (अपडेट)। सरगुजा संभाग के मुख्यालय अंबिकापुर में जीएसटी विभाग की कार्रवाई ने व्यापारिक समुदाय में आक्रोश की आग भड़का दी है। शहर के बिलासपुर चौक स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स पर जीएसटी की छापेमारी के विरोध में व्यापारी संघ ने शनिवार को रैली निकाली और रविवार, 1 जून को एकदिवसीय शहर बंद का ऐलान किया। व्यापारियों ने जीएसटी विभाग पर बार-बार परेशान करने और अवैध वसूली का आरोप लगाया, जबकि जीएसटी विभाग ने अपनी कार्रवाई को नियमों के तहत सही ठहराया। इस बीच, सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने व्यापारियों के समर्थन में खुलकर सामने आते हुए जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ करार दिया। पूरे दिन शहर के नुक्कड़-चौराहों पर इस मुद्दे ने जनचर्चा का रूप ले लिया।
लक्ष्मी ट्रेडर्स पर छापा, व्यापारियों में उबाल
दरअसल बीते दिन को जीएसटी विभाग की टीम ने दो वाहनों में सवार होकर लक्ष्मी ट्रेडर्स पर छापा मारा। छड़ और सीमेंट के सप्लायर राजीव अग्रवाल के इस प्रतिष्ठान पर टैक्स चोरी के आरोपों में दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। व्यापारी संघ का आरोप है कि पिछले छह महीनों में यह तीसरी बार है जब जीएसटी ने उसी प्रतिष्ठान को निशाना बनाया। आक्रोशित व्यापारियों ने कहा, “यह कार्रवाई व्यापारियों को परेशान करने और अवैध वसूली के लिए की जा रही है। यदि यही रवैया रहा तो जीएसटी अधिकारी हमसे दुकानों की चाबी ही ले लें।” शनिवार को व्यापारी संघ ने आपात बैठक बुलाई और जीएसटी की कार्रवाई के विरोध में रैली निकालकर शहर बंद का आह्वान किया।
“हम व्यापारी हैं, चोर नहीं”
जीएसटी की कार्रवाई से नाराज व्यापारियों ने अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर भी निकाली। व्यापारी संघ के सदस्यों ने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा, “हम व्यापारी हैं, चोर नहीं,” जो शहर में तेजी से वायरल हो रहा है। रैली के दौरान व्यापारियों ने जीएसटी विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई को चुनिंदा व्यापारियों को टारगेट करने की साजिश करार दिया।
कांग्रेस का समर्थन, जीएसटी को बताया ‘गब्बर सिंह टैक्स’
सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने व्यापारियों के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए जीएसटी विभाग की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी ने जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहा था, और इसकी वास्तविकता अब सामने है। जीएसटी अधिकारी छोटे और मझोले व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं। कांग्रेस व्यापारियों के हितों के लिए हमेशा खड़ी है और उनके प्रस्तावित शहर बंद का समर्थन करती है।” कांग्रेस के इस बयान ने मामले को और तूल दे दिया है।
जीएसटी विभाग का जवाब: कार्रवाई नियमों के तहत
विरोध और हंगामे के बीच जीएसटी विभाग की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी होने की जानकारी विभिन्न समाचार संस्थानों के द्वारा जारी समाचारों में उल्लेख किया गया है जिसमें विभाग ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। विभाग के अनुसार, स्टेट जीएसटी विभाग ने कर अपवंचन के खिलाफ विशेष अभियान के तहत अंबिकापुर की दो प्रमुख फर्मों—मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स—पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये की कर चोरी का खुलासा किया।बंसल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन: 29 मई 2025 को हुई जांच में पाया गया कि फर्म ने 2017-18 से 2024-25 तक 158 करोड़ रुपये का कारोबार किया, लेकिन नगद कर भुगतान शून्य रहा। जीएसटी पोर्टल पर रिस्क स्कोर 10 होने से कर चोरी की आशंका थी। कोई लेखा-पुस्तक या सॉफ्टवेयर नहीं पाया गया। ई-वे बिल में 2023-24 में 29.50 करोड़ का क्रय और मात्र 50 लाख की आपूर्ति दर्ज की गई, जो बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट और कर-मुक्त बिक्री की ओर इशारा करता है। व्यवसायी ने 40 लाख रुपये का स्वैच्छिक भुगतान स्वीकार किया, लेकिन दस्तावेज जमा नहीं किए। वहीं दूसरी तरफ लक्ष्मी ट्रेडर्स: 30-31 मई 2025 की जांच में 96 करोड़ रुपये के कारोबार पर नगण्य कर भुगतान उजागर हुआ। 2023-24 में 11 करोड़ का क्रय और 7 करोड़ की आपूर्ति दिखाई गई। व्यवसायी ने गलती स्वीकारते हुए 17.55 लाख रुपये का स्वैच्छिक भुगतान किया।
शहर में तनाव, जनचर्चा में गलती किसकी...?
जीएसटी की कार्रवाई और व्यापारियों के विरोध ने अम्बिकापुर के बाजारों में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। शहर के चौक-चौराहों पर लोग इस बात पर चर्चा करते दिखे कि आखिर गलती किसकी है। कुछ लोग व्यापारियों के समर्थन में हैं, तो कुछ का मानना है कि जीएसटी की कार्रवाई कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है। रविवार को प्रस्तावित शहर बंद से बाजार और आम जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना है।
आगे क्या.....?
जीएसटी विभाग की जांच और व्यापारी संघ के आंदोलन ने अम्बिकापुर को सियासी और सामाजिक मंच पर ला खड़ा किया है। व्यापारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जीएसटी की ऐसी कार्रवाइयां नहीं रुकीं, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। दूसरी ओर, जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। रविवार के शहर बंद और इसके परिणामों पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।