तरबूज की फसल बचाने खेत में दौड़ाया करंट, मवेशी चरा रहे किसान की मौके पर मौत; परिजनों ने कहा जब तक आरोपी नहीं पकड़ा जाता शव नहीं ले जाने देंगे

तरबूज की फसल बचाने खेत में दौड़ाया करंट, मवेशी चरा रहे किसान की मौके पर मौत; परिजनों ने कहा  जब तक आरोपी नहीं पकड़ा जाता शव नहीं ले जाने देंगे

सूरजपुर। जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। जयनगर थाना क्षेत्र के जमदई गांव में गुरुवार शाम मवेशी चरा रहे एक किसान की खेत में बिछाए गए करंट वाले तार की चपेट में आकर दर्दनाक मौत हो गई। खेत में तरबूज की फसल थी, और चोरी से बचाने के नाम पर खेत मालिक ने पूरे खेत में बिजली का करंट दौड़ा रखा था। मृत किसान रोज की तरह मवेशी लेकर खेत की ओर गया था, लेकिन इस बार उसकी वापसी एक लाश बनकर हुई।

गांव में मचा हड़कंप, खेत में पड़ी रही लाश, प्रशासन बेखबर

घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई। लाश कई घंटों तक खेत में पड़ी रही, लेकिन प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों और परिजनों ने जब देखा कि किसान की मौत करंट से हुई है, तो उन्होंने साफ तौर पर इसे "हादसा नहीं, हत्या" करार दिया।

पुलिस सुबह 4 बजे पहुंची, परिजनों ने शव उठाने से किया इनकार

सूत्रों की मानें तो गुरुवार शाम हुई इस दर्दनाक घटना की सूचना देर रात पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस शुक्रवार तड़के करीब 4 बजे मौके पर पहुंची। जब पुलिस ने शव उठाने की कोशिश की, तो परिजनों और ग्रामीणों ने भारी विरोध किया। गुस्साए परिजनों ने शव को ले जाने से मना कर दिया और कहा, "ये हत्या है, जब तक खेत मालिक को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, शव यहां से नहीं जाएगा।"

खेत मालिक फरार, ग्रामीणों में भारी आक्रोश

जिस खेत में ये हादसा हुआ, उसका मालिक घटना के बाद से ही फरार है। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी पहले भी कई बार फसल चोरी से बचाने के लिए झटका तार का उपयोग करता था, लेकिन प्रशासन ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब एक निर्दोष किसान की जान चली गई है, और आरोपी खुलेआम घूम रहा है।

गांव में तनावपूर्ण माहौल, भारी पुलिस बल तैनात

घटना के बाद गांव में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस लगातार परिजनों और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

ये कोई पहली घटना नहीं है जब खेतों में करंट दौड़ाने से किसी की जान गई हो। सवाल उठता है कि क्या इंसान की जान की कीमत अब फसल से भी कम हो गई है? क्या प्रशासन सिर्फ घटना के बाद कागजी कार्रवाई करके अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है..? वहीं दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। लेकिन परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कार्रवाई जमीन पर नहीं दिखेगी, वे शव को नहीं ले जाने देंगे।